सूत्रों के मुताबिक पांच साल बाद भी रुपए जमा नहीं कराने वाले 16382
राजस्थान सरकार के कार्मिकों को वसूली के लिए नोटिस दिए गए हैं। इसमें बकाया नहीं चुकाने पर कड़ी कार्रवाई के लिए कहा गया है। उधर, खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने जिला रसद अधिकारियों (डीएसओ) को वसूली में तेजी लाने के लिए कहा है। कर्मचारियों में राज्य और केंद्रीय दोनों शामिल हैं।
दो जिलों में शत प्रतिशत वसूली
विभाग ने करौली और टोंक में कार्मिकों से शत प्रतिशत वसूली कर ली है। करौली में 2924 कार्मिकों से 4 करोड़ 33 लाख और टोंक में 1175 कार्मिकों से 1 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक वसूले गए हैं। वहीं, भरतपुर ग्रामीण और उदयपुर ग्रामीण में जांच में किसी कर्मचारी का नाम सामने नहीं आया था।
साल 2020 से शुरू हुई वसूली
दरअसल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में सरकारी कार्मिकों के पात्र बनकर गेहूं उठाने की शिकायतों के बाद साल 2020 में जिला रसद अधिकारियों से जांच कराई थी। जांच में सरकारी कार्मिकों के नाम सामने आने के बाद उठाए गए गेहूं की कीमत बाजार दर से वसूलने के निर्देश दिए थे। तब योजना को आधार से लिंक करने पर जांच में मामले सामने आए थे।
अधिकांश कार्मिकों से वसूली हो चुकी है, शेष लोगों से भी जल्द राशि वसूल की जाएगी। –
सुमित गोदारा, मंत्री खाद्य आपूर्ति विभाग
इन जिलों में सबसे कम कर्मचारी
जयपुर शहर 314, राजसमंद 733, पाली 861, बीकानेर 494, कोटा ग्रामीण 590, जालोर 971, धौलपुर 776 और अजमेर ग्रामीण व शहर में क्रमश: में 909 व 960 कर्मचारी शामिल हैं।
इन जिलों में सर्वाधिक कर्मचारी
दौसा जिले में 7702, बांसवाड़ा में 6147, जयपुर ग्रामीण में 6243, अलवर में 6027, उदयपुर शहर में 5267 सरकारी कार्मिक जांच मेंदोषी मिले।