इस रोड सेफ्टी प्लान में तकनीक और आंकड़ों का एक साथ इस्तेमाल होगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की पहचान की जाएगी और उसके अनुसार दुर्घटनाओं के कारणों का समाधान निकाला जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए स्मार्टनेस
तकनीक का इस्तेमाल : सड़क दुर्घटना डेटाबेस (आईरेड)- आईरेड़ सॉफ्टवेयर के माध्यम से सड़क दुर्घटना के आंकड़े ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे, जिससे सड़क दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा। जनजागरूकता और जमीनी बदलाव : सड़क सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा और नियमों में व्यावहारिक बदलाव किया जाएगा।
विभागों के बीच तालमेल : इस प्लान से परिवहन, सार्वजनिक निर्माण, स्वास्थ्य और वन विभागों के बीच तालमेल में वृद्धि होगी। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल से संबंधित प्रावधानों में सुधार होगा।