दिल्ली में दोनों राज्य और जलशक्ति मंत्रालय के बीच एमओयू हुआ और उसके बाद दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के अफसरों को निर्देश दिए गए कि डीपीआर तैयार करने का काम अगले एक माह में पूरा करें। केन्द्र और राज्य दोनों सरकार चाह रही थीं कि लाेकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही काम रफ्तार पकडे, लेकिन चुनाव के तीन चरण पूरे होने के बाद भी मध्यप्रदेश स्तर पर डीपीआर नहीं बन पाई।
राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट, भजनलाल सरकार के अफसरों की आई आफत
प्रदेश में अभी तक यह काम हुआ-नवनेरा बैराज- 86 प्रतिशत
-ईसरदा बांध- 75 प्रतिशत काम किसके हिस्से कितना-पानी..
-3677 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी राजस्थान को मिलेगा
-2089 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मध्यप्रदेश के हिस्से आएगा