Bhajanlal Cabinet Expansion: राजस्थान में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पर निर्णय, अब मंत्रिमंडल में फेरबदल की बारी
सीपी जोशी की जगह अब राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के रूप में राजस्थान बीजेपी को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल चुका है। ऐसे में अब भजनलाल मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की बारी है।
Bhajanlal Cabinet Expansion: जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा उपचुनाव से पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पर निर्णय हो चुका है। सीपी जोशी की जगह अब राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के रूप में राजस्थान बीजेपी को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल चुका है। ऐसे में अब भजनलाल मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की बारी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश की पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले भजनलाल मंत्रिमंडल बदलाव हो सकता है।
राजस्थान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर निर्णय के बाद अब भजनलाल मंत्रिमंडल में बदलाव के प्रबल आसार है। 7 अगस्त तक बजट सत्र चलने की बात हो रही है। ऐसे में अगस्त या सितंबर में मंत्रिपरिषद फेरबदल विस्तार की संभावना है। हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली गए थे। दिल्ली यात्रा के दौरान मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार को लेकर कई नेताओं से चर्चा हो चुकी है। हालांकि, अभी और चर्चा होगी। इसके बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।
मंत्रिमंडल फेरबदल में दिखेगा लोकसभा चुनाव में हुई हार का असर
लोकसभा चुनाव में राजस्थान बीजेपी के हाथ से 11 सीट निकल गई थी। ऐसे में हार का असर भी इस मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में दिखेगा। जिन विधायकों ने अच्छा परिणाम दिया है, उनको मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। वहीं, जिन मंत्रियों के यहां परिणाम खराब आया और मंत्री के रूप में छह माह की परफार्मेंस भी खराब रही है। ऐसे मंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो आलाकमान की 3-4 मंत्रियों पर नजर है, ऐसे में उनको हटाने की संभावना ज्यादा है। साथ ही कुछ मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव होगा।
मंत्रिमंडल में हो सकते हैं 30 सदस्य
नियमानुसार कुल विधायकों के 15 प्रतिशत सदस्य ही मंत्री बन सकते हैं। प्रदेश की विधानसभा में 200 सदस्य हैं। ऐसे में सीएम सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में सीएम सहित 24 मंत्री बने हुए हैं। मंत्रियों के छह पद रिक्त हैं और किरोड़ी मीना इस्तीफा दे चुके है। इसके अलावा सरकार यदि 3-4 मंत्रियों को हटाती है तो 8 से 10 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना का इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं। यह मामला भी संभवतः मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार तक लंबित रह सकता है। बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देने के बाद से सत्ता और संगठन से दूर है। वे विधानसभा सत्र में भी नजर नहीं आ रहे है। बताया जा रहा है कि किरोड़ी ने विधानसभा से छुट्टी ले रखी है। 5 जुलाई को किरोड़ी ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, उसके बाद कहा था कि उन्हें 10 दिन बाद फिर बुलाया है। लेकिन, अभी तो वो दिल्ली भी नही गए है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर वो नही माने तो विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद किरोड़ी का इस्तीफा स्वीकार हो सकता है।