शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच मौजूद स्वास्थ्यसेवा के अंतर को पाट दिया है और पिछड़े तबके के लोगों के लिए स्वास्थ्यसेवा से जुड़े परिणामों में सुधार किया है। स्टैटिस्टा के मुताबिक, वर्ष 2019 में भारतीय टेलीमेडिसिन उद्योग 83 लाख डॉलर की थी और वर्ष 2020 से 2025 के बीच इसके 31 फीसदी सीएजीआर की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है।
भौगोलिक बाधाओं से परे
दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को चिकित्सकीय पेशेवरों से जोड़कर तत्वन जैसे ई-क्लिनिक (Tatvan telemedicine) इस अंतर को खत्म कर देते हैं और मरीज़ों को सिर्फ सलाह पाने के लिए लंबी दूरी तक यात्रा करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीज़ तत्वन जैसे ई-कंसल्टेशन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके चिकित्सकीय विशेषज्ञता का लाभ उठा सकते हैं, भले ही वे कहीं भी रहते हैं। आसपास के इलाकों में विशेषज्ञों की कमी की वजह से, आम तौर पर ग्रामीण इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्सकीय उपचार नहीं मिल पाता है।