भाजपा: विवादित बयानों के वीडियो कर रहे वायरल
भाजपा सोशल मीडिया विभाग आक्रामक तरीके से प्रचार में जुट गया है। हर सीट पर संभाग संयोजक व सह संयोजक के निर्देशन में सोशल मीडिया एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है। वहीं, 5 हजार वॉलियंटर्स को सक्रिय कर दिया है, जो सोशल मीडिया पर आने वाले कंटेंट को फॉरवर्ड कर रहे हैं। मुख्य रूप से डबल इंजन सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, लाभार्थियों से संवाद, प्रचार अभियान का लाइव कवरेज पर फोकस है। साथ ही कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के उन कंटेंट को वायरल कर रहे हैं, जिनमें उनके विवादित बयान हैं। सोशल मीडिया टीम अब हर बूथ पर नजर आएगी।
बयानों के वीडियो कट कर रहे
लाइव कवरेज के साथ कार्टून, रील्स, इन्फोग्राफिक, मीम्स के जरिए भी प्रचार किया जा रहा है। एक्स, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सऐप पांचों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग प्रभारी बनाए गए हैं। पार्टी नेता उन सभी सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर से मिल रहे हैं जो ज्यादा प्रभाव रखते हैं। इनके फॉलोअर्स लाखों में हैं। सोशल मीडिया पेज की रीच बढ़ाने और कंटेंट को ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए नए कलेवर में पेश किया जा रहा है।
कांग्रेस: योजनाएं बंद करने का उठा रहे मामला
कांग्रेस ने सभी सातों सीटों पर सोशल मीडिया विशेषज्ञों की टीमें तैनात कर रखी है। प्रत्येक टीम में 8 से 10 लोग काम रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वीडियो संदेश, ग्राफिस कंटेंट बनाकर पोस्ट किए जा रहे हैं। इनमें प्रत्याशियों के लाइव वीडियो और भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेताओं के विवादित बयानों को भी रील बनाकर पोस्ट किया जा रहा है।सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख सुमित भगासरा मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
स्थानीय मुद्दों पर फोकस ज्यादा
उपचुनावों में स्थानीय मुद्दों से जुड़ी पोस्ट सोशल मीडिया में ज्यादा वायरल कराई जा रही है। खासतौर पर पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को बंद किए जाने और भाजपा सरकार की वादाखिलाफी जनता के बीच पहुंचाई जा रही है।
तीन श्रेणी में बनाए ग्रुप
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीमों ने सातों सीटों पर स्थानीय मतदाताओं के भी तीन श्रेणी में वाट्सऐप ग्रुप बनाए हैं। जिनमें युवा, महिला और 50 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक हैं।