जानकारी के अनुसार शाहपुरा निवासी सरोज देवी शर्मा किसी कार्यक्रम में अपने पीहर रामपुरा (थोई) जा रही थी। वह अपने रिश्तेदारों का इंतजार करने के लिए अजीतगढ़ के बस स्टैंड पर भागीरथ के ढाबे पर बाहर सड़क के किनारे रखी बेंचो पर बैठ गई।
इसी दौरान महिला ने अपना हैंडबैग जिसमें नगद रुपए, सोने का मंगलसूत्र एवं सोने चांदी की अंगूठी रखी हुई थी बेंच पर छोड़ कर चली गई। इसी दौरान ढाबे के मालिक भागीरथ प्रसाद जिंजवाडिया की नजर बेग पर पड़ी तो उसने वरिष्ठ जन जगदीश प्रसाद कारीगर, क्षेत्रीय विकास परिषद के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद शरीफ गौरी की निगरानी में बैग की जांच की तो दंग रह गया।
ढाबा मालिक ने बैग को सुरक्षित अपने पास रख लिया तथा पत्रिका संवाददाता को सूचना दी लेकिन एक दिन गुजर जाने के बाद भी बैग लेने कोई नहीं आया उसके बाद देर शाम ढूंढते ढूंढते पीड़ित महिला एवं उसका पति ढाबे पर पहुंचने के लिए आया तो पूरी तस्दीक करने के बाद लोगों की उपस्थिति में हेड बैग महिला को सौंप दिया।
बैग पाकर महिला के खुशी की लहर दौड़ गई तथा महिला व उसके परिजनों ने ढाबा मालिक की ईमानदारी की सराहना करते हुए साधुवाद दिया। ढाबा मालिक ने बताया कि यह तो गनीमत रही कि बैग पर नजर पड़ गई अन्यथा यहां सैकड़ों लोगों की आवाजाही रहती है तथा लोग बसों व अन्य वाहनों का इंतजार करने के लिए बैठे रहते हैं।