विरोध की वजह ये तारों की कूट स्थित डोल का बाड़ यहां 2400 से अधिक पेड़ हैं। इनमें 60 से अधिक जड़ी-बूटियों के पेड़ हैं। पक्षियों की 74 प्रजातियां भी हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यहां फिनटेक पार्क विकसित करने का काम शुरू किया था, उस समय भी संगठनों ने भारी विरोध किया था।
सरकार की मंशा ये -यूनिटी मॉल में स्वदेशी प्रोडक्ट के अलावा हैंडीक्राफ्ट और जीआइ प्रोडेक्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। इसे सरकार 15125 वर्गमीटर में विकसित करने का प्लान बना रही है। रीको को नोडल विभाग बनाया गया है।
हरियाली इसलिए जरूरी -गर्मियों में जब पारा लगातार बढ़ रहा होता है, उन दिनों में पार्क और पेड़ों के नीचे सुकून मिलता है। सामान्य की तुलना में तीन से पांच डिग्री तक पारा कम रहता है।
-जयपुर में मात्र 11 फीसदी हिस्से में हरियाली है। एक शहर में यह 20 फीसदी होनी चाहिए। चंडीगढ़ में 39 फीसदी हरियाली है। बने बायोडायवर्सिटी पार्क इस जमीन पर सरकार को बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करना चाहिए। आस-पास की कॉलोनियों की आबोहवा भी अच्छी बनी रहेगी। इसमें लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताना चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता आएगी। यदि यहां क्रंक्रीट के जंगल खड़े कर दिए गए तो भविष्य में इसका भारी नुकसान होगा।
-कविता श्रीवास्तव, सामाजिक कार्यकर्ता