राजनीति के धुरंधर अशोक गहलोत का जन्म जोधपुर में स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर 3 मई 1951 को हुआ। साधारण परिवार में जन्में इस राजनेता ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद तक ठुकरा दिया। पूर्व सीएम गहलोत ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में माना कि उन्हें अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने का पश्चाताप है। लेकिन किंही कारणों के चलते मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन पाया।
गहलोत कैंप के नेताओं ने चला था इस्तीफे का दांव
वहीं, सियासी जानकारों का मानना है कि सीएम गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद मुख्यमंत्री रहने के चलते छोड़ दिया था। अगर गहलोत आलाकमान के प्रस्ताव को हां कहते तो मुख्यमंत्री पद सचिन पायलट को दिया जाता। जबकि गहलोत कैंप ऐसा नहीं चाहता था। बता दें कि आलाकमान ने उस वक्त मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन को भेजा था। जिसके बाद गहलोत कैंप के नेताओं ने ऐन वक्त पर इस्तीफे का दांव चलकर गहलोत को सेफ किया था।
सच्चाई सोनिया गांधी जानती हैं- गहलोत
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने कहा कि यह गलत धारणा है कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता था, इसलिए पद नहीं छोड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बना। सच्चाई क्या है सोनिया गांधी जानती हैं। मैं इस मामले की और ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहता। हम सब मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा, क्योंकि यह 100 गुना ज्यादा अच्छा पद है और अगर आज मौका मिलता है, तो मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहूंगा।
तीन बार रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हैं। अशोक गहलोत राजस्थान के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। साथ ही केंद्र सरकार में कपड़ा मंत्री भी रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में कई पदों पर रहते हुए 43 साल से पार्टी के लिए काम कर रहे है। जोधपुर में स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर 3 मई 1951 को जन्मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक डिग्री प्राप्त की और अर्थशास्त्र विषय लेकर एमए डिग्री प्राप्त की। गहलोत का विवाह 27 नवम्बर 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ।