इस अवसर पर अरुंधति रॉय ( Social worker Arundhati Roy ) ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी लड़ाई इंसाफ के लिए है, और यह लड़ाई हम सिर्फ अपने लिए नहीं लड़ रहे हैं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो अन्याय का शिकार है। उन्होंने कहा कि आज आसाम में लोग ख़ौफ के माहौल में जी रहे हैं, जिसके पास काग़ज़ नहीं है वो अपराधी घोषित कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र आरएसएस का पुराना एजेंडा है।
…हम ऐसा नहीं होने देंगे उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह देश बहुत बड़ा है हमें इसकी व्यापकता और विशालता को छोटा नहीं होने देना है, उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस महान व विशाल देश को एक छोटी सी नाली बनाना चाहते हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे।
‘महिलाओं का यह होंसला मिसाली है’ सभा को एएमयू के पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष आज़म बेग ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप महिलाओं ने इस देश के सबसे मग़रूर शख़्स को चुनौती दी है, महिलाओं का यह होंसला मिसाली है। बांसवाड़ा से आई पीयूसीएल कि सदस्य मधु ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों को भी कहा गया है कि यदि जंगल में जीवन यापन करना है तो सन् 2005 से पहले के काग़ज़ात दिखाओ, जो कि उनके पास नहीं है। अब यह देश की जनता से कह रहे हैं कि अपने बाप दादा के काग़ज़ात दिखाओ, वो कहाँ से लायेंगे।
‘नया एक्ट लाने की क्या ज़रूरत’ अम्बेडकराईट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दशरथ हिनूनिया ने कहा कि जब संविधान में पहले से ही नागरिकता के प्रावधान है तो फिर नया एक्ट लाने की क्या ज़रूरत आ गई। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि दरअसल यह सरकार मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार की ग़लत नीतियों से देश की छवि पूरे विश्व में ख़राब हो गई है। इस अवसर पर जमाअत ए इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेश सचिव वक़ार अहमद खान, दलित मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको, पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव, एनएफआईडब्ल्यू की निशा सिद्धू व अन्य कई नागरिक गण उपस्थित थे।