इस बीच जयपुर के कलाकारों ने भी अपनी कलात्मकता के रंग बिखेरकर जयपुर की बसावट और यहां की हवेलियों की सुंदरता को बखूबी उकेरा। कलाकार दीपा कुमावत ने अपनी पेंटिंग्स में आमेर क्षेत्र के आसपास के अतीत को रेखाओं के संयोजन के साथ उकेरा।
साथ ही उन्होंने जयपुर की कहानी को तीन अलग-अलग युगों के माध्यम से दर्शाया। उनका कहना था कि परिवर्तन मेरी कलात्मक खोज का सार है। नरेंद्र कुमार सैन, अमर बकरा, रोहिणी सिंह ने पोस्टकार्ड और नेहा लूथरा ने पोर्टल्स के जरिये जयपुर शहर की छवि को दर्शाया।
योग और स्कल्पचर का सामंजस्य
जयपुर आर्ट वीक के तहत आम्रपाली संग्रहालय में दिल्ली की कलाकार नताशा सिंह ने इंस्टॉलेशन वर्क डिस्प्ले किया। इस दौरान वॉकथ्रू में उन्होंने कलाप्रेमियों को योग और स्कल्पचर के बीच सामंजस्य दर्शाया। उन्होंने वुडन स्कल्पचर्स के माध्यम से योग की विभिन्न मुद्राओं को भी बताया। उनका कहना था कि नाड़ी जनरेटिव न्यू-मीडिया स्कल्पचर्स का एक संग्रह है। अध्ययन की गति का विषय योग में शामिल शरीर और सांस हैं। यह भी पढ़ें
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आज ये खास …
- पत्रिका गेट पर 11 बजे नेहा लूथरा की वर्कशॉप
- जवाहर कला केंद्र में दो बजे कला वर्कशॉप
- गोलेछा सिनेमा में 10 बजे फैमिली वर्कशॉप
- जल महल पर 1 से 5 बजे तक फिल्म मेकिंग वर्कशॉप