जानकार सूत्रों की माने तो आमतौर पर प्रदेश सचिव की नियुक्ति भी एआईसीसी के संगठन महामंत्री करते हैं लेकिन इस बार प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सहमति के बाद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने स्तर पर ही सचिवों की सूची जारी कर दी थी। बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों से पार्टी हाईकमान भी नाखुश हैं और इसी के चलते सचिवों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है।
शिकायतें भी पहुंची थी दिल्ली
वहीं कांग्रेस गलियारों में चर्चा यह भी है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी की गई सचिवों की जंबो सूची में ज्यादातर ऐसे चेहरों को शामिल किया गया था जिनको संगठनात्मक कामकाज का अनुभव नहीं है और नेताओं की सिफारिश से पीसीसी सचिव बने थे, इसकी शिकायतें भी दिल्ली पहुंची थी जिसके बाद एआईसीसी ने सचिवों की नियुक्ति पर रोक का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से 27 मई को 85 सचिवों की जंबो सूची जारी की गई थी। हालांकि सूची जारी होने के बाद से ही विवादों में रही। दरअसल विवाद की वजह यह है कि सूची में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर नेताओं की परिक्रमा करने वाले लोगों को सचिव बनाया गया था। इनमें अधिकांश चेहरे ऐसे भी हैं जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
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