Agriculture : पंजाब में धान के बजाय दूसरी फसल पर जोर
Agriculture In Punjab : पंजाब में धान के बजाय कम पानी की जरूरत वाली फसल लगाने पर जोर दिए जाने का ही परिणाम है कि बीते खरीफ सीजन में प्रदेश में धान का रकबा करीब 7.5 लाख हेक्टेयर घटा। बीते खरीफ सीजन में पंजाब में धान का रकबा 57.27 लाख हेक्टेयर था जोकि एक साल पहले के रकबे 64.80 लाख हेक्टेयर से करीब 7.5 लाख हेक्टेयर कम था।
New start will be done across the state from 26 January simultaneously
पंजाब में धान के बजाय दूसरी फसल पर जोर पंजाब में धान के बजाय कम पानी की जरूरत वाली फसल लगाने पर जोर दिए जाने का ही परिणाम है कि बीते खरीफ सीजन में प्रदेश में धान का रकबा करीब 7.5 लाख हेक्टेयर घटा। बीते खरीफ सीजन में पंजाब में धान का रकबा 57.27 लाख हेक्टेयर था जोकि एक साल पहले के रकबे 64.80 लाख हेक्टेयर से करीब 7.5 लाख हेक्टेयर कम था।
प्रदेश के कृषि विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिह ने कहा कि इस पहल से पानी के संरक्षण में काफी फायदा मिलेगा क्योंकि धान पानी पीने वाली फसल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सात लाख हेक्टेयर से अधिक जमीनें धान के बजाय कपास, मक्का, बासमती, फल और सब्जियों की खेती करने का लक्ष्य रखा था ताकि पानी का संतुलन बना रहे। अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने कहा कि फसल विविधीकरण के अलावा, विभाग ने किसानों को कृषि-रसायनों का इस्तेमाल कम करने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया है, इनमें खासतौर से नौ ऐसे कृषि रसायन शामिल हैं जिनका बासमती की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है।
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