मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्विट कर कहा
दौसा में डॉण् अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है।
हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है । परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा। तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे। हम सभी को सोचना चाहिए । कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय। अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से । ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है । दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस के भय से महिला चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने की घटना से मन बहुत आहत है। डॉ.अर्चना वही चिकित्सक है जिसने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए, कोरोना काल में लोगों की जान बचाई। इस घटना की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिये!
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का बयान
घटना दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। प्रशासन की लापरवाही है। मामला धारा 302 में दर्ज नहीं होता तो वो आत्महत्या नहीं करती, पुलिस अधिकारियों की नासमझी है,
सुसाइड नोट के अनुसार कार्रवाई होगी ।