दरअसल इन ग्लेशियरों में तांबे के विशाल भंडार हैं। दुनिया में तांबे के कुल उत्पादन का लगभग एक तिहाई इन्हीं खानों से आता है और खनन चिली की अर्थव्यवस्था के कुल सकल घरेलू उत्पाद का 10 फीसदी है। यानी यहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा स्रोत। चिली के ज्यादातर ग्लेशियर पैटागोनिया क्षेत्र में हैं। 2010 में जांच में पाया गया कि मध्य चिली के अन्य पहाड़ों पर सडक़ निर्माण, मशीनों के शोर, खनन गतिविधियां और ट्रकों की आवाजाही से उठने वाले धूल के गुबार से ये ग्लेशियर पिघल रहे हैं। पिछले दिनों चिली संसद में इनके संरक्षण का एक विधेयक लाया गया था। लेकिन राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा की सरकार इसके पक्ष में नहीं थी। तर्क दिया गया कि इससे चिली की अर्थव्यवस्था डगमगा जाएगी और खनन उद्योग भी बंद हो जाएगा। इस विधेयक का विरोध करने पर जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी।