राज्य सरकार इन निकायों में अब तक चुनाव भी नहीं करा पाई। अभी तक एक बार भी बोर्ड नहीं बना है। राज्य सरकार ने प्रशासक को वित्तीय समेत अन्य अधिकार दिए हैं, जिनका नए बोर्ड के गठन तक उपयोग करते हुए निकायों के कार्यों का संचालन करेंगे।
स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। गौरतलब है कि राज्य सरकार की मंशा एक राज्य-एक चुनाव की है। इसको लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी हुई है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया। फिलहाल परिसीमन कराया जा रहा है।
ये हैं निकाय
जयपुर: बस्सी, वाटिका
सीकर: अजीतगढ़
झुंझुनूं: डूंडलोद, जाखल
दौसा: मण्डावरी, बसवा
कोटपूतली-बहरोड़: पावटा-प्रागपुरा, बर्डोद
खैरथल-तिजारा: टपूकड़ा
अलवर: बड़ौदमेव, गोविंदगढ़, बहादुरपुर, कठूमर, मालाखेड़ा, रैणी, नौगांव, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़
डीग: सीकरी, पहाड़ी
भरतपुर: उच्चैन
धौलपुर: सरमथुरा, बसेड़ी
करौली: सपोटरा, मंडरायल
सवाईमाधोपुर: खिरनी, खण्डार, बामनवास, वजीरपुर
कोटा: सुल्तानपुर, सुकेत
बारां: अटरू
बूंदी: दई, हिंडौली
टोंक: दूनी, लाम्बाहरिसिंह, डिग्गी, पीपलू
नागौर: बासनी, जायल
जालौर: रानीवाड़ा, आहोर, सायला
भीलवाड़ा: रायपुर, बिजौलिया
सिरोही: जावाल
पाली: मारवाड़-जंक्शन, सोजतरोड
जोधपुर: भोपालगढ़, बालेसर-सत्ता
गंगानगर: लालगढ़ जाटान
हनुमानगढ़: टिब्बी
बालोतरा: सिणधरी
उदयपुर: वल्लभनगर, मावली, खैरवाड़ा, ऋषभदेव
राजसमंद: भीम
चित्तौड़गढ़: आकोला
ब्यावर: मसूदा
बाड़मेर: गुड़ामालानी
यहां भी प्रशासक नियुक्त
49 शहरी निकायों के भंग हो चुके बोर्ड राजस्थान सरकार पिछले वर्ष नवम्बर में प्रदेश के 49 शहरी निकायों में भी प्रशासक नियुक्त कर चुकी है। इन निकायों का कार्यकाल पूर हो गया था और चुनाव नहीं कराए जा सके। इनमें 5 नगर निगम, 18 नगर परिषद और 26 नगर पालिका हैं।