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Lok Sabha Election 2019: राजस्थान में भी आचार संहिता को लेकर काउंटडाउन शुरू, जानें हर महत्वपूर्ण बात

Lok Sabha Election 2019 के मद्देनज़र Rajasthan में कभी भी प्रभावी हो सकता है Code Of Conduct

जयपुरMar 07, 2019 / 03:02 pm

Nakul Devarshi

Achar Sanhita 2019 Date in Rajasthan
जयपुर।
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनज़र राजस्थान में कभी भी आचार संहिता प्रभावी हो सकती है। फिलहाल सभी की नज़रें चुनाव आयोग की ओर टिकी हुई हैं, जो कभी भी चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकती है। गौरतलब है कि भारतीय चुनाव आयोग चुनाव तिथि की आधिकारिक घोषणा करेगा। लोकसभा के लिए 543 उम्मीद्वारों का चुनाव कराया जाना हैं। दो अन्य सदस्यों का मनोनयन राष्ट्रपति अपने विवेक के अनुसार करते हैं।

इस बीच चुनाव आयोग की ओर से इस बार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा को लेकर हो रही देरी पर विपक्ष भी कई तरह के सवाल उठा रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पांच मार्च को चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया था।

चुनाव कार्यक्रम घोषणा के साथ लगेगी आचार संहिता (Achar Sanhita 2019 Date in Rajasthan)
आचार संहिता लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही लागू कर दी जाती है (Aachar Sanhita Date in Rajasthan 2019) और यह तब तक जारी रहती है जब तक लोकसभा चुनाव के परिणामों का ऐलान नहीं हो जाता। अगर इस बीच किसी भी पार्टी का उम्मीदवार कोई आचार संहिता के नियमों को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती सकती है। यहां तक कि उसे लोकसभा चुनाव लड़ने से भी पूर्णतया प्रतिबन्ध भी लगाया जा सकता है। आचार संहिता उल्लंघन करने वाले पर एफआईआर (FIR) दर्ज कर जेल भी भेजा जा सकता है।
सामान्य नियम :
– कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
– राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।
– धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
– मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
– किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।
– किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।
– राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।
राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम :
– सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
– दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।
– सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।
– सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।
जुलूस संबंधी नियम :
– जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।
– जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।
– राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
– जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
– जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।
मतदान के दिन संबंधी नियम :
– अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
– मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
– मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
– मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं।
– कैम्प साधारण होने चाहिए।
– मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।
इस मंशा से लागू होती है आचार संहिता

आचार संहिता सभी राजनैतिक पार्टियों पर लागू की जाती है। ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टियों के बीच कोई मतभेद न हो। आचार संहिता लागू करके पार्टियों के बीच मतभेद टालकर, शांतिपूर्ण रूप से चुनाव कराया जाता है। आचार संहिता लागू होने के बाद कोई राजनैतिक पार्टी अपने अधिकारिक पदों का अपने लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

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