आशंका है कि नेहा के नाम से पांच्यावाला में प्लॉट व वैशाली नगर स्थित कृष्णा नगर में भांजी के नाम से फ्लैट खरीदा। बाद में भांजी ने संजय शर्मा की पत्नी को उक्त प्लॉट बेच दिया। भांजी ने फ्लैट भी बेच दिया, जो संजय शर्मा की बेनामी संपत्ति मानी जा रही है। इसकी जांच की जा रही है। एसीबी टीमों को कई दस्तावेज भी मिले हैं।
संजय शर्मा का बेटा अमरीका में, एक बेटी लंदन में पढ़ रही है, जबकि एक बेटी ने कजाकिस्तान से एमबीबीएस किया है। संजय शर्मा के कई विदेश यात्राएं करने के भी दस्तावेज मिले हैं। विदेशी अकाउंट में लेन-देन करने की जानकारी मिली है।
उन्होंने बताया कि संजय शर्मा ने भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने एवं परिजन के नाम से अपनी आय से 209 प्रतिशत अधिक चल-अचल सपत्तियां अर्जित कीं। एसीबी की टीम ने गुरुवार को 10 ठिकानों पर सर्च किया।
निवेश पर यहां कार्रवाई
डीटीओ संजय शर्मा के सांगानेर निवासी रिश्तेदार श्यामलाल शर्मा, विद्याधर नगर निवासी परिचित प्रॉपर्टी डीलर श्याम सुंदर शर्मा के यहां भी सर्च की। डीटीओ ने इन दोनों के जरिये बेनामी सपत्ति खरीदने व बेचने की जानकारी जुटाई।
सोने में किया मोटा निवेश
डीजी मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी को आशंका है कि डीटीओ संजय शर्मा ने वैशाली नगर स्थित एक ज्वैलर के पास सोने में मोटी रकम निवेश की थी। इसके लिए एक टीम ने वैशाली नगर स्थित ज्वैलरी शोरूम में सर्च किया। कई घंटे तक टीम ने दस्तावेज की जांच की। भरतपुर में घर व मुरादाबाद में 25 बीघा जमीन
एसीबी ने भरतपुर की कप्तान कॉलोनी स्थित आवास पर और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित चिडिया भवन पैतृक गांव में भी सर्च किया। गांव में 25 बीघा जमीन मिली, जिसे बंटाई पर दे रखी है। बंटाई पर खेती लेने वाले के साथ संयुक्त बैंक खाता होने की जानकारी मिली।