सातवें वेतन आयोग के लिए कई कर्मचारी संगठन एक होकर संघार्ष कर रहे हैं। इसी का परिणाम रहा कि रविवार का अवकाश होने के बावजूद रैली और सभा में कर्मचारियों की काफी भीड़ नजर आई। रैली को सफल बनाने के लिए प्रदेशभर से कर्मचारी आए।
जयपुर में अलग-अलग विभागों से कर्मचारियों का जत्था रैली के रूप में सिविल लाइन स्थित सभा स्थल पहुंचा। मुख्य रैली रामनिवास बाग से निकाली गई। रैली में शामिल कर्मचारियों ने अपने हाथों में बेनर पोस्टर ले रखे थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे।
संघर्ष समिति संयोजक आयुदान सिंह काविया व सह संयोजक गजेन्द्र सिंह ने कहा है कि सरकार ने कर्मचारी आंदोलन को कमजोर करने और कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने की मंशा से अधूरी घोषणाएं की है। सरकार की ओर से राज्य कर्मियों के साथ धोखा किया गया है। 7वें वेतनमान को 1 जनवरी 2017 से लागू कर राज्य के आठ लाख राज्य कर्मचारियों को ही नहीं लाखों पेंशनर्स के आर्थिक हितों के साथ खिलवाड़ किया है। सातवें वेतनमान में पुनरू 2400ए 2800 एवं 4800 ग्रेड पे में अलग-अलग लेवल बनाकर चयनित वेतनमान में भी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है।
– अनुसूची 5 में किए गए संशोधनों को निरस्त करने
– केंद्र के समान पे मैट्रिक्स निर्धारित करना – सुराज संकल्प-पत्र 2013 की कर्मचारी कल्याण की घोषणाओं की क्रियान्विति
– अधिनस्थ, मंत्रालय एवं अन्य संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करना
– अस्थाई, संविदा, मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों को रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्ति
– नवीन अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने