आमेर थाना उप निरीक्षक रोहिताश ने बताया कि शिवनगर मुरलीपुरा जयपुर निवासी नरेश मीणा पुत्र शिवजी राम मीणा, शंकर नगर ए पिंकसिटी हॉस्पिटल के पीछे रोड नंबर एक मुरलीपुरा निवासी रोहित वर्मा (21) पुत्र रमेश वर्मा जाति धोबी व शंकर नगर ए रोड नंबर एक मुरलीपुरा निवासी अंकित सांखला पुत्र किशन सांखला जाती धोबी स्कूटी से 1 बजे बायोलॉजिकल पार्क की तरफ से घूमने गए थे। करीब ढाई बजे तीनों दोस्त वापस आ रहे थे इसी दौरान भावसागर बांध को देखकर नहाने का मन बना लिया। तीनों में से केवल नरेश मीणा को तैरना आता था। इसी दौरान तीनों नहाने लगे तो अंकित सांखला पानी में डूब गया और नरेश व रोहित बाहर आ गए। इसके बाद सूचना पर मौके पर पुलिस व सिविल डिफेंस टीम देर रात तक तलाश करती रही, लेकिन अंकित सांखला का पता नहीं लगा। इस दौरान पर सैकड़ों लोग इकट्ठे हो गए थे।
हाथ पकड़ में आता तो बच जाता अंकित
नाम आंखों से नरेश मीणा टकटकी लगाए लगातार भाव सागर बांध को देख रहा था क्या पता कहीं अंकित मिल जाए। इस दौरान नरेश मीणा ने दबे स्वर में बताया कि तीनों दोस्त नहा रहे थे इसी दौरान तीनों अचानक एक गड्ढे में डूबने लगे। जब अंकित सांखला डूबने लगा तो उसने नरेश को पकड़ लिया, उसने अंकित का हाथ पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हाथ पकड़ में नहीं आया और वह पानी से बाहर नहीं आ सका। काश हाथ पकड़ में आ जाता तो दोस्त की जान बच सकती थी।
3 घंटे तक ग्रामीणों ने की मशक्कत
घटना के बाद करीब 4:30 से 7:30 तक स्थानीय ग्रामीणों ने भावसागर बांध में चप्पे चप्पे को छान मारा लेकिन डूबे हुए युवक का पता नहीं चला। बांध में ढूंढने वाले स्थानीय मंगल चंद मीणा, कैलाश मीणा, प्रभु सैनी, रामेश्वर मीणा, राजू मीणा, केदार मीणा, बाबूलाल मीणा थे, हालांकि इस दौरान सिविल डिफेंस के भी तीन जवान लगातार गुम हुए युवक को तलाश रहे थे।
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दो बहनों में इकलौता है अंकित
नहाते समय गुम हुआ युवक अंकित सांखला दो बहनों में इकलौता भाई था। मौके से मिली जानकारी के अनुसार अंकित के पिता की 6 साल पहले मौत हो चुकी है तथा अंकित पीएनबी बैंक में जॉब करता है। घटना के दौरान मौके पर अंकित के परिजन भी पहुंच चुके थे जिनका रो-रोकर बुरा हाल था। वही अंकित की मां बार-बार अंकित को तलाश कर रही थी। वह बांध में जाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने उसे रोक रखा था।
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न तारबंदी लगी, न चेतावनी बोर्ड
करीब 50 बीघा में फैले भावसागर बांध में 20 बीघा में पानी भरा है। यहां पर ना तो तारबंदी है न कोई चेतावनी बोर्ड लगा हुआ है। ऐसे में यहां हादसे का खुला न्योता है। ग्रामीणो में बताया कि बांध में 5 से 20 मिनट तक पानी भरा हुआ। यहां मिट्टी के अवैध खनन से बांध की गहराई ज्यादा है। प्रशासन की लापरवाही से बांध पर न तारबंदी है और न चेतावनी बोर्ड है। बारिश के दिनों में लोग यहां अक्सर नहाने आते हैं।