राज्यपाल की आज्ञा से विभाग के संयुक्त शासन सचिव कनिष्क कटारिया शनिवार देर रात आदेश जारी किए कि आईएएस जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दूदू हनुमानमल ढाका को आगामी आदेशों तक पदस्थापन आदेशों में रखा गया है। बता दें कि जिला कलक्टर दूदू हनुमानमल ढाका को एसीबी की कार्रवाई के बाद एपीओ किया गया है।
ये है पूरा मामला
दूदू कलक्टर हनुमानमल ढाका ने रिश्वत की राशि तय करने के लिए पहले परिवादी को दो बार अपने सरकारी आवास पर बुलाया। घूस लेने से पहले ही कलक्टर को एसीबी की भनक लग गई। उसने पहले दो पटवारियों को परिवादी के घर भेजा। पटवारी ने पैर पकड़ कर कहा उनकी तरफ से मैं आपके पैर पकड़ लेता हूं। फिर खुद निजी कार से परिवादी के घर ही पहुंच गया। हालांकि जब तक कलक्टर हनुमानमल ढाका और पटवारी हंसराज के खिलाफ एसीबी मजबूत साक्ष्य जुटा चुकी थी। एसीबी की रिपोर्ट पर सरकार ने शनिवार को ढाका को एपीओ कर दिया। ट्रैप की संभावना खत्म होने के बाद एसीबी ने कलक्टर के खिलाफ शुक्रवार को ही रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया था। परिवादी 204 बीघा के फार्म हाउस का मैनेजर है। कलक्टर व पटवारी भू-परिवर्तन के लिए परिवादी से घूस मांग रहे थे।
ऐसे चला घटनाक्रम….पटवारी दे रहा था धमकी
-परिवादी को पटवारी हंसराज चौधरी ने 13 अप्रेल को कहा था कि कलक्टर से मिल लेना नहीं तो 15 अप्रेल को ही तुम्हारे फार्म की भू-उपयोग परिवर्तन मामले में बड़ी कार्रवाई होगी। -परिवादी कलक्टर से मिला तो उससे कार्रवाई से बचने के बदले 25 लाख रुपए मांगे। इसके बाद वह एसीबी पहुंचा। एसीबी ने ट्रैप की तैयारी कर ली। -कलक्टर को परिवादी ने कॉल किया तो उसने 15 अप्रेल की शाम को अपने आवास पर ही बुला लिया। वहां प्रकरण में अब्दुल रहमान मामले का नोट नहीं डालने और कार्रवाई से बचने के बदले रिश्वत मांगी। परिवादी ने फॉर्म हाउस मालिक से बात करने की बात कही तो अगले दिन फिर बुलाया।
-कलक्टर से दोबारा मिला तो मामला 15 लाख रुपए में तय हो गया। इसके बाद 18 अप्रेल को परिवादी कलक्टर कार्यालय गया। वहां पटवारी हंसराज को बोला कि साहब को कह दो अभी मात्र 7.5 लाख रुपए 22 अप्रेल तक दे पाऊंगा। पटवारी कलक्टर चैम्बर में गया और वापस आकर बोला ठीक है।
रात 11 बजे निजी कार से कलक्टर पहुंचे परिवादी के घर
तय समय से पहले 19 अप्रेल की रात पटवारी हंसराज चौधरी और सांवरमल जाट परिवादी के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि कलक्टर साहब बोले हैं गलती हो गई। हंसराज ने परिवादी के पैर पकड़े और बोला कलक्टर की ओर से मैं पैर पकड़ता हूं। इस टंटे को खत्म करो। कलक्टर हमको बार-बार फोन कर रहा है। इस बीच रात करीब 11 बजे कलक्टर हनुमानमल ढाका निजी कार से परिवादी के घर पहुंचे। परिवादी ने पटवारी कहा कि उन्हें (कलक्टर) कहो घर में नहीं आए। इसके बाद कलक्टर लौट गए। बातचीत कर दोनों पटवारी भी वहां से चलते बने। इसके बाद स्पष्ट हो गया कि अब ट्रैप सम्भव नहीं है। तब एसीबी ने रिश्वत मांगने की एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया।
कलक्टर व पटवारी के मोबाइल किए जब्त
एसीबी ने दूसरे दिन शनिवार को दूदू कलक्टर हनुमानमल ढाका के कार्यालय में सर्च किया। वहां से कलक्टर का सरकारी कम्प्यूटर जब्त किया। एसीबी टीम इससे पहले दूदू में कलक्टर के सरकारी आवास व तलसील कार्यालय में शुक्रवार रात को सर्च करने पहुंची थी। आवास पर कलक्टर हनुमानमल का एक मोबाइल व कार्रवाई के दौरान पटवारी हंसराज के दो मोबाइल जब्त किए। बताया जाता है कि एसीबी के परिवादी से मोबाइल पर वाट्सएप चैट की गई है। एसीबी की टीम दूदू में कलक्टर आवास पर सर्च के बाद शनिवार तडक़े 3 बजे तक दूदू तहसील कार्यालय में सर्च करने में जुटी रही। शनिवार सुबह पांच बजे जयपुर लौटी और फिर शनिवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दूदू कलक्टर कार्यालय पहुंच गई थी। बताते हैं एसीबी की कार्रवाई के बाद कलक्टर दूदू से चले गए थे।