अभी तक परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा था। इसके तहत पिछले पांच वर्ष में राज्य के किसानों को 18021.56 लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है। राज्य में 1 लाख 48 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर करीब 2 लाख 17 हजार 479 किसान जैविक खेती कर रहे हैं। परम्परागत कृषि विकास योजना को अब राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) में परिवर्तित कर दिया है। एनएमएनएफ के माध्यम से किसान विरासत में मिले पारंपरिक ज्ञान पर आधारित और रसायन मुक्त खेती के रूप में प्राकृतिक खेती कर सकेंगे।
जैविक खेती करने वाले टॉप जिले जिला-खेती का क्षेत्र-किसानों की संख्या बीकानेर: 107700-13250 नागौर: 9560-13289 बाड़मेर: 9500-11750 चूरू: 8140-9850 जोधपुर: 8400-10500 गंगानगर:6100-7008 जयपुर-6100-8825 हनुमानगढ़: 6100-7384
एनएमएनएफ के माध्यम ये प्रयास होंगे -जैव विविधता को बढ़ावा दिया जाएगा -अगले दो वर्षों में देश के 15 हजार समूहों में लागू किया जाएगा – 1 करोड़ किसानों को देशभर में प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा
-7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू करने का लक्ष्य -10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र (बीआरसी) स्थापित किए जाएंगे इनका कहना है राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शुरू होने से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। काफी किसान पहले ही इसमें रुचि ले रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र पर भी जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह भी बताया कि जाता कि बिना कीटनाशक के कैसे कीट नियंत्रित किया जा सकता है।
-डॉ. मनोज गुर्जर, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, पाली