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Bastar Dussehra 2023 : जोगी बिठाई से पहले मावली मंदिर में पहुंचकर लिया आशीर्वाद 15 लोग को 35 रोटी खिलाने से शुरू हुआ सफर 15 लोगों को 35 रोटी खिलाने से शुरू हुई यह मुहिम आज 150 से अधिक लोगों को रोजाना दो टाइम का खाना पहुंचाने पर पहुंच गई है। गीतेश अपना पूरा दिन इसी काम में देते हैं। इन पांच सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं आया जिसमें जरूरतमंदों तक खाना उन्होंने न पहुंचाया हो। चाहे बीमार हो या फिर कोरोना का दौर उनकी यह मुहिम निरंतर जारी रही।
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शहर से गांवों तक होर्डिंग का गोरखधंधा, चुनाव से पहले थे शांत अब हुई कार्रवाई शहर में खाना फेंका जाता न ही कोई सोता है भूखा अक्सर देखा जाता है कि सामाजिक समारोह से लेकर अन्य शादी पार्टी के कार्यक्रमों में बड़ी मात्रा में खाना बच जाता है। इसका जल्द निपटान नहीं करने पर यह सारा खाना खराब हो जाता है, लेकिन जगदलपुर शहर की बात करें तो आज कोई भी ऐसा समारोह नहीं होता जहां खाना फेंकना पड़े। क्योंकि गीतेश समारोह के खत्म होते ही यहां पहुंच जाते हैं और बचे खाने को जरूरतमंद तक पहुंचा देते हैं। अक्सर इसके लिए उन्हें देर रात 3 बजे तक काम करना पड़ता है।
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CG Assembly Election 2023 : जगदलपुर में जनसभा को सम्बोधित करेंगे गृहमंत्री अमित शाह उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में गीतेश सिंघाड़े बताते हैं कि बचे हुए खाने को तो वे जरूरतमंद तक पहुंचा देते हैं, लेकिन इसके समारोह में प्लेट में खाना छोडऩे के चलते भारी मात्रा में भोजन खराब चला जाता है, जबकि इससे कई लोगों की भूख मिट सकती है। इसलिए उन्होंने एक नए अभियान की शुरूआत की है जिसमें वे शादी पार्टी के लोगों से भी कहते हैं कि उतना ही लो थाली में, व्यर्थ न जाए नाली में।
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सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को छह माह से नहीं मिला वेतन …और जुट गए काम में वर्ष 2016 में उन्होंने पहलीबार समाज सेवा के क्षेत्र में काम शुरू किया। नेकी की दीवार के जरिए जरूरतमंदों को कपड़ा बांटते थे। इसी दौरान अंदरूनी इलाके की दो महिलाएं उनके पास आईं और कहा कि भूख लग रहा है कुछ खिला देते तो अच्छा रहता। इन दो बेहद बुजुर्ग महिलाओं में उन्हें अपनी मां नजर आई। उनके पास पैसे नहीं थे। लेकिन सामने के ही एक खाने के दुकान वाले से उनकी अच्छी पहचान थी। उनके आग्रह पर दुकान वाले ने भी खाना दे दिया। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि किसी भी व्यक्ति को वे भूखे नहीं रहने देंगे।