scriptCG Mobile Addiction: मोबाइल का साइड इफेक्ट.. रोटी खाने वाले बच्चे अब मोबाइल देने के शर्त पर खा रहे हैं खाना, सेहत पर पड़ रहा असर | Side effects of mobile.. Children who used to eat roti are now eating food on the condition of giving mobile, it is affecting their health | Patrika News
जगदलपुर

CG Mobile Addiction: मोबाइल का साइड इफेक्ट.. रोटी खाने वाले बच्चे अब मोबाइल देने के शर्त पर खा रहे हैं खाना, सेहत पर पड़ रहा असर

CG Mobile Addiction: जगदलपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए मोबाइल उनके बच्चों को सहालने का सबसे बड़ा साधन बन गया है। बच्चों को बहलाने के लिए माताओं द्वारा मोबाइल पकड़ाने की आदत अब इन्हीं माताओं को भारी पड़ने लगी है।

जगदलपुरSep 02, 2024 / 02:02 pm

Shradha Jaiswal

mobile addiction

एक अध्ययन के अनुसार, जिन बच्चों के परिवार स्क्रीन का बहुत अधिक उपयोग करते हैं, उनमें शब्दावली कौशल कमजोर होता है और वीडियो गेम का बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

CG Mobile Addiction: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में काम की आपाधापी और प्रतिस्पर्धा के दौर में मोबाइल मासूमों का सबसे बड़ा अभिभावक बन गया है। कामकाजी महिलाओं के लिए मोबाइल उनके बच्चों को सहालने का सबसे बड़ा साधन बन गया है। अब सुबह होते ही बच्चों का सामना मोबाइल से होता है। यही मोबाइल अब इनके जागने से लेकर सोने तक साथ रहता है यही वजह है कि अब मोबाइल ही बच्चों के हंसने, खेलने और मन बहलाने का सबसे बड़ा साधन बन गया है। छोटे बच्चों को दिया गया मोबाइल अब बच्चों के लिए इतना जरूरी हो गया है कि इसके बिना बच्चे न तो खाना खाते हैँ और न दूध पीते हैं आलम यह है कि मोबाइल के बिना बच्चे गुस्सा और चिडचिड़ेपन का शिकार हो रहे हैं जिसका असर उनके बचपन और शारीरिक विकास पर पड़ रहा है।
CG Mobile Addiction: गेस और रील के हुए आदी: गेस और रील की आदत उनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढा रहा है। खेलकूद से दूर बच्चों की मानसिक और शारीरिक विकास में मोबाइल रोड़ा बन रहा है। बच्चों में बात करने, रिश्तेदारों को पहचानने और अन्य गतिविधियों में गतिरोध उत्पन्न हो रहा है।
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CG Mobile Addiction: बच्चे मां के प्यार से हुए दूर

बच्चों को बहलाने के लिए माताओं द्वारा मोबाइल पकड़ाने की आदत अब इन्हीं माताओं को भारी पड़ने लगी है। बच्चे मां के प्यार से दूर अब मोबाइल के साथ खाना खाते हैं इसके बिना उनके हलक के नीचे निवाला भी नहीं जाता। यही कारण है कि बच्चों को अब मां बाप के प्यार से अधिक मोबाइल की जरूरत देखी जा रही है। यह बच्चे मोबाइल मिलते ही अपने बिस्तर में अथवा घर के किसी कोने में बैठ दिन बिता रहे हैं।
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असमय मोटापा और चिडचिड़ापन की समस्या

मोबाइल के आदि बच्चों से संबंधित कई मामले हर रोज ओपीडी तक पहुंच रहे हैं। बच्चे के खाना खाने के समय सारा ध्यान मोबाइल पर रहने से उसे खाने का स्वाद और टेक्सचर सहित सुगंध की पहचान करने का स्किल डेवलप नहीं हो पाता। इसके साथ ही बच्चों में देर से बोलने में समस्या, उच्चारण न कर पाने की समस्या सहित सामाजिक और मानसिक विकास न होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। खेलकूद में कमी होने से असमय ही मोटापा, नींद में कमी के साथ ही चिड़चिड़ापन जैसी समस्या आम हो सकती है। इससे बचने 3 साल के उम्र तक किसी भी रूप में बच्चों को मोबाइल से दूर रखें। इसके बाद जरूरी होने पर कुछ समय के लिए मोबाइल दे सकते हैं लेकिन ध्यान रहें बच्चे इसका आदी न होने पाए।
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बच्चों के सामने मोबाइल का उपयोग कम करें

बच्चों को खाना खिलाने के दौरान मोबाइल के बदले किस्से कहानियों और अन्य मनोरंजक बातों से बहलाने की कोशिश करें। हो सके तो बच्चों का मोबाइल से ध्यान बटांने के लिए माता पिता को साथ में बैठकर खाने की आदत डालनी चाहिए। ऐसा करने से वह धीरे धीर मोबाइल देखने की जिद छोड़ सकता है। हो सके तो माता पिता को भी बच्चों के सामने मोबाइल चलाने की आदत छोड़नी होगी। ऐसा करने से बच्चों की मोबाइल चलाने की लत छूट सकती है।

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