जगदलपुर

अभिजीत मुहूर्त में जन्म लेंगे प्रभु राम, पहली बार रामनवमी के दिन बना रवि योग, पूजा के लिए है 3 शुभ मुहूर्त

Ram Navami 2024: चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथी को भगवान राम का जन्म होने के कारण इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है इस दिन नवरात्रि का आखिरी दिन भी होता है।

जगदलपुरApr 11, 2024 / 02:23 pm

Kanakdurga jha

Ram Navami 2024: हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व रामनवमी 17 अप्रेल बुधवार को मनाया जायेगा। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथी को भगवान राम का जन्म होने के कारण इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है इस दिन नवरात्रि का आखिरी दिन भी होता है। पूरे नौ दिन शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना के बाद नौवें दिन भगवान राम की जन्म होने पर पूरे धूमधाम के साथ रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार 17 अप्रेल को बहुत ही शुभ योग बन रहा है जो रामनवमी को और अधिक शुभ बना रहा है। इस दिन रवि योग बन रहा है जिसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत शुभ माना गया है। इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
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अभिजीत मुहुर्त में हुआ था राम का जन्मज्योतिषाचार्य पं दिनेश दास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान राम का जन्म मध्यान्ह में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। उस समय सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह का विशेष योग बना था। जबकि सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में मौजूद थे। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस दिन रामनवमी के दिन 17 अप्रेल को शुभ योग बन रहा है जो इसे बहुत खास बना रहा है।
बन रहा है बहुत हीशुभ योगपंडित दिनेश दास ने बताया कि इस वर्ष रामनवमी पर बहुत ही शुभ योग बन रहा है। 17 अप्रेल को रवि योग लग रहा है जो पूरे दिन रहने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत शुभ माना गया है। इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से भक्तों को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस योग में धार्मिक कार्य ओर हवन पूजन करने से जीवन में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे मेें उदया तिथि के आधार पर राम नवमी 17 अप्रैल को मनाया जायेगा। राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 10 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से 3 बजकर 24 मिनट तक तथा गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 47 मिनट से 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।

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