गौरतलब है कि दो दशक पहले तक बीजापुर से चेरला तक व्हाया आवापल्ली, उसूर, पुजारीकांकेर होते हुए तथा मद्देड से एंगपल्लीए संकनपल्ली, इलमीड़ी, आवापल्ली, उसूर, पुजारी कांकेर होते हुए चेरला, तेलंगाना के लिए यात्री बस चला करती थी। (CG Jagdalpur News) स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक कभी यह क्षेत्र गुलजार हुआ करती थी। वर्तमान में पड़ोसी राज्य तेलंगाना जो पहले आँध्रप्रदेश हुआ करता था। (Jagdalpur Naxal News) वहां के लोग यहां सुगमता से व्यापार करने आया करते थे।
मध्यप्रदेश शासन काल में दो बसें चलती थी व्यपारिक लेन देन के साथ धीरे धीरे वहां के लोगों का इस क्षेत्र के लोगों के साथ रोटी बेटी का रिश्ता हो जाता था। लेकिन सलवा जुडम के शुरू होने के बाद यह क्षेत्र लोगों के लिए अभिशप्त बन गया। सड़कों पर माओवादियों ने कब्ज़ा कर लिया। (CG Naxal Update) बताया जाता है कि उसुर होकर तेलंगना जाने में जहां पचास किलोमीटर लगता था। वही अब उसूर से तेलंगाना जाना के लिए लगभग 180 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ हैं।
स्थानीय लोगों के व्यापार और रोटी-बेटी के संबंध निभाने हेतु बढ़ी 4 गुना दूरी स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अविभाजीत मध्यप्रदेश शासन काल में दो बसें चलती थी। जिससे स्थानीय लोगों को सफर करने में आसानी होती थी।(CG Naxal Update) लेकिन लाल आतंक के दशहत ने इस क्षेत्र को फिर से पीछे धकेल दिया। (CG Naxals) उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से सड़क मार्ग को दुरुस्त करने लंबे समय से मांग कर रहे हैं।
उसूर ब्लाक में पांच सड़कों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। इन सड़कों के बनने से पड़ोसी राज्य तक पहुंच आसान होगी। संतोष दास, एसडीओ पीडब्ल्यूडी