यह दिन हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के दिन पड़ता है। इस बार की गुरु पूर्णिमा और ज्यादा विशेष होने वाली हैं, क्योंकि इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है। यह ऐसा योग है जिसमें कोई भी काम शुरू किया जाए तो उसका विशेष फल मिलता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई विशेष मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती है, कहते हैं कि इस योग के साथ में शुभ, लाभ, अमृत की चौघडियों का समावेश होता है। इसलिए सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं, नए काम की शुरुआत कर सकते हैं, नया घर या नई गाड़ी खरीद सकते हैं, विवाह के लिए भी सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत उत्तम माना जाता है। शहर में गुरु पूर्णिमा उत्सव की तैयारियां जोरो पर चल रही है। धरमपुरा स्थित साईं मंदिर में इस दौरान विशेष आयोजन होंगे। साथ ही गायत्री मंदिर व अन्य मंदिरों में भी अनुष्ठान आयोजित होंगे।
सर्वार्थ सिद्धि योग इस समय पर शुरू होगा
सर्वार्थ सिद्धि योग 21 जुलाई को सुबह 5 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 22 जुलाई को मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। साथ ही उत्तराषाढ़ा नक्षत्र भोर से लेकर मध्य रात्रि 12.14 तक रहेगा। इस बार गुरु पूर्णिमा पर प्रीति योग भी बन रहा है। प्रीति योग को ’’प्रेम योग’’ भी कहा जाता है, जो शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। यह योग 21 जुलाई को रात 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 22 जुलाई को शाम 5 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं।