जिले का पहला ऐसा स्कूल जहां बच्चों को पढऩे के लिए नहीं पढ़ती पुस्तक कॉपियों की जरूरत
कोण्डागांव. आपको शायद यह जानकार आश्चर्य होगा किए जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल संचालित हो रहा है। जहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं को स्कूल आने के लिए अपना बस्ता लाने की जरूरत ही नहीं हैं। हम बात कर रहे है, पूर्व माध्यमिक शाला मड़ानार का जहां शिक्षा गुणवक्ता पर स्कूल प्रबंधन ने उच्चधिकारियों से समय-समय पर मार्गदर्शन लेते हुए। अपने स्कूल को ही पूरी तरह से डिजीटल कर दिया है। और यही वजह है कि, यहां अब पढ़ाई पुस्तकों के बीच-बीच में बने बारकोर्ड को स्कैन कर प्रोजेक्टर व मोबाईल के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही हैं। इससे बच्चों को समझने व शिक्षकों को समझाने में काफी सुविधा मिल रही हैं। यही वजह है कि, इस विद्यालय में अध्यनरत बच्चे अब अपने बस्ते का वनज ही भूलते जा रहे है। दर असल उन्हें अपने साथ घर से बस्ता लेकर आने की जरूरत ही नहीं होती ज्ञात हो कि, इस स्कूल में बीते शिक्षासत्र के दौरान स्मार्ट क्लास की शुरूआत की गई थी और इसके बाद दिखे बेहतर परिणाम से इस शिक्षासत्र की शुरूआत के साथ ही इस स्कूल को बस्तालेस स्कूल कर दिया गया हैं। डिजीटल तकनीक से हो रही पढ़ाई से यहां के ग्रामीण बच्चों को जहां समझने में असानी हो रही है वहीं बस्ता का बोझ अब उनके कंधो को भी नहीं सता रहा।