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जगदलपुर

Education News: पहली से 12वीं तक बदल जाएगा पूरा कोर्स, नई शिक्षा नीति के तहत नए सत्र में होगा बड़ा बदलाव

Education News: तीसरी और छठवीं में बच्चे योगा और आर्ट एजुकेशन के बारे में पढ़ेंगे। इसके लिए 33 पुस्तकें तैयार हो रही। हिंदी के साथ ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का तरीका बदलेगा..

जगदलपुरNov 17, 2024 / 01:03 pm

चंदू निर्मलकर

New Education Policy
Education News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान अगले सत्र से स्कूल शिक्षा में भी लागू होते दिखेंगे। इसकी शुरुआत पहली से छठवीं तक की किताबों को बदलने के साथ हो रही है। अगले सत्र से स्कूलों में नया पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी चल रही है। कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी और छठवीं की पूरी किताबें बदल जाएगी। नई किताबें लिखने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

Education News: 33 किताबें की जा रही तैयारी

बताया जा रहा है प्राइमरी स्तर पर 33 किताबें तैयार की जा रही है। इसमें हिंदी व इंग्लिश दोनों माध्यम कि पुस्तकें हैं। पहली से बारहवीं का पूरा कोर्स बदलेगा। चरणबद्ध तरीके से बदलाव किया जाएगा। अगले साल चार कक्षाओं का कोर्स बदलेगा। फिर 2026-27 के सत्र से तीन-चार अन्य कक्षाओं की किताबें बदलेंगी। दो-तीन साल में स्कूली पाठ्यक्रम की सारी पुस्तकें बदल जाएंगी।
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Education News: यह पूरा बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हो रहा है। इसकी अनुशंसा के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार हुआ और अब किताबें लिखी जा रही है। अगले कुछ महीनों में किताबें लिखने का काम पूरा होने की संभावना है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी से कुल 33 किताबें तैयार की जा रही है।

ऐसे हो रही तैयारी

पहली में हिंदी माध्यम की तीन और इंग्लिश मीडियम की एक यानी कुल 4 किताबें लिखी जा रही है। कक्षा दूसरी में भी इतनी ही पुस्तकें तैयार की जा ही है। तीसरी में हिंदी मीडियम की 6 और अंग्रेजी माध्यम की 4 किताबें लिखने का काम चल रहा है। जबकि छठवीं में हिंदी में 9 और इंग्लिश में 6 यानी कुल 15 पुस्तकें तैयार हो रही है।

नई नीति में स्थानीय बोलियों और भाषाओं पर ज्यादा जोर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार किताबें तैयार की जा रही है। इसमें स्थानीय बोलियों एवं भाषाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसी तरह कोर्स को आओ करके सीखें के अनुसार तैयार किया गया है। नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क के तहत गणित व विज्ञान के कोर्स जैसा है, उसके अनुसार ही यहां किताबें लिखी जाएगी। इसमें थोड़ा ही बदलाव होगा। जबकि सामाजिक विज्ञान, लैंग्वेज की किताबों में राज्य के अनुसार 20 से 30 प्रतिशत तक बदलाव होगा।

कॉलेजों में पहले साल की पढ़ाई बदली, चरणबद्ध बदलाव हो रहा

कॉलेजों में इस साल प्रथम सेमेस्टर या पहले साल की किताबें बदली गईं हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान पहले साल की पढ़ाई पर लागू कर दिए गए हैं। अब जैसे-जैसे प्रथम वर्ष के छात्र अगली कक्षाओं में जाएंगे उन्हें नई किताबें पढऩी होंगी। बदलाव चरणबद्ध तरीके से हो रहे हैं। आने वाले तीन से चार साल में पूरी पढ़ाई एनईपी के अनुसार होगी।

तीसरी और छठवीं की पढ़ाई में बड़ा बदलाव नजर आएगा

छठवीं में अगले साल छात्र छह नहीं बल्कि नौ किताबें पढ़ेगे। पिछले साल की तरह की हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान की किताबें तो रहेंगी। इसमें तीन और नई किताबें आर्ट एजुकेशन, योगा और वोकेशनल को शामिल किया जाएगा। वोकेशनल में लघु उद्योग समेत अन्य के बारे में पढ़ेगे। कक्षा तीसरी में छात्र चार की जगह छह किताबें पढ़ेगे। हिंदी, इंग्लिश, गणित के अलावा पर्यावरण पिछले साल भी था। इस बार में इनकी बुक के अलावा आर्ट एजुकेशन और योगा भी पढ़ेंगे।

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