Election Results 2024:4 जून को तय हो जाएगा कि बस्तर का नया सांसद कौन होगा। नतीजों से पहले एक बार फिर बस्तर का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसका प्रमुख कारण बस्तर के दिग्गज नेताओं का प्रदेश की राजनीति के केंद्र में होना है। बस्तर से ही भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है। इन दोनों के लिए बस्तर जीतना जरूरी है। कहा जा रहा है कि जीत-हार से दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव चुनाव से पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की राजनीति में आए। ऐसा पहली बार हुआ है जब दोनों प्रमुख पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बस्तर से हैं। दोनों ही पार्टियों के लिए बस्तर महत्वपूर्ण है। अब अगर नतीजे किसी के भी विपरीत जाते हैं तो इसका असर नेताओं की प्रतिष्ठा पर पड़ेगा। दोनों ही चुनाव के बाद से जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन यह 4 जून को ही स्पष्ट होगा कि बस्तर की जनता का आशीर्वाद किसे मिला है।
Election Results 2024: विस हारने के बाद दीपक ने संगठन की राजनीति को दी प्राथमिकता
चित्रकोट विधानसभा से चुनाव हारने के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज चुनावी राजनीति से दूर हो गए। जबकि कयास लगाए जा रहे थे कि वे लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने बार-बार कहा कि उनके पास अब बस्तर समेत प्रदेश की सभी 11 सीटों पर जीत दर्ज करवाने की जिमेदारी है।
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया और पीसीसी चीफ की कुर्सी प्रभावित नहीं हुई। अब लोकसभा के परिणाम दीपक की राजनीति को किस ओर ले जाएंगे इसके कयास लगने भी शुरू हो गए हैं। हर कोई कह रहा है कि लोकसभा से सकारात्मक नतीजे ही अब दीपक को संजीवनी देंगे।
Election Results 2024: चुनौती भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के सामने भी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के सामने भी चुनौती कम नहीं है। वे कुछ महीने पहले ही विधायक और प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। पार्टी से उन्हें काफी उमीदे हैं। उनका पार्टी की उमीदों पर खरा उतरना जरूरी है। उन्हें बस्तर को जिताना ही है प्रदेश की बाकी 11 सीटों का भार भी उन पर है।
प्रदेश की सभी 11 सीटों पर भाजपा जीत का दावा कर रही है। अगर यह हकीकत में बदला तो प्रदेश की सियासत में काफी कुछ बदलेगा और परिणाम विपरीत आए तब भी काफी कुछ बदल जाएगा। प्रदेश में भाजपा की सरकार है इसलिए जीत का दावा मजबूत लग रहा है।
लखमा और केदार का कद भी तय करेंगे नतीजे
बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता कवासी लखमा इस बार खुद लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। कोंटा सीट की विधायकी छोड़ वे लोकसभा के रण में उतरे और कहा अब दिल्ली जाना है, अब लखमा दिल्ली पहुंचेंगे या वापस कोंटा लौटना होगा यह भी 4 जून को स्पष्ट होगा लेकिन परिणाम जो भी हों उसका असर लखमा की आगे की राजनीति पर जरूर पड़ेगा। वहीं मौजूदा भाजपा सरकार मंत्री केदार कश्यप का भी काफी कुछ इस चुनाव से जुड़ा है। प्रदेश में बस्तर की राजनीति का बड़ा चेहरा अब केदार भी बन चुके हैं। इसलिए परिणाम उनके लिए भी काफी कुछ तय करेंगे।
4 जून को जारी होगा लोकसभा चुनाव का नतीजा
लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को जारी होने है। छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में मतदान 7 मई को समाप्त हो गया। पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट पर, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को महासमुंद, कांकेर और राजनांदगांव में तीन लोकसभा सीट पर और तीसरे चरण में 7 मई को कोरबा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, जांजगीर-चांपा, सरगुजा और रायगढ़ में सात लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। बता दें कि, पूरे भारत के लोकसभा सीट समेत छत्तीसगढ़ लोकसभा सीट के परिणाम भी 4 जून को जारी होंगे।
Election Results 2024: लोकसभा में भाजपा कांग्रेस में सीधा वार
छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों में भाजपा-कांग्रेस के बीच महामुकाबला है। एक तरफ भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी चुने हुए खास दिग्गजों को उम्मीदवार बनाया। रायपुर लोकसभा सीट में भाजपा से वर्तमान मंत्री और रायपुर दक्षिण विधानसभा के विधायक बृजमोहन अग्रवाल उम्मीदवार है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय मैदान में उतरे है।
बस्तर से भाजपा के दिग्गज नेता महेश कश्यप तो कांग्रेस से कवासी लखमा मैदान में है। महासमुंद लोकसभा सीट से पूर्व विधायक रूपकुमारी चौधरी तो कांग्रेस से ताम्रध्वज साहू उम्मीदवार है। कांकेर से भाजपा के भोजराज नाग और कांग्रेस से बीरेश ठाकुर उम्मीदवार है। राजनांदगांव से वर्तमान सांसद संतोष पांडेय तो कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में है।
इधर बिलासपुर से भाजपा से तोखन साहू तो कांग्रेस से देवेंद्र यादव मैदान में है। दुर्ग से भाजपा के वर्तमान सांसद विजय बघेल तो कांग्रेस से राजेंद्र साहू है। जांजगीर-चांपा से भाजपा से कमलेश जांगड़े तो कांग्रेस से शिवकुमार डहरिया है। सरगुजा से चिंतामणि महाराज तो कांग्रेस से शशि सिंह है। वहीं रायगढ़ से भाजपा की दिग्गज नेत्री और पूर्व सांसद सरोज पांडेय तो कांग्रेस से ज्योत्सना महंत उम्मदीवार है।
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