गई। इसमें करीब 1600 करोड़ रुपए तक इसकी राशि बढ़ गई है। जब रेलवे ने इसे तैयार करने के लिए 2014-15 में अनुमान लगाया था तो इसकी अनुमानित लागत 1663.58 करोड़ रुपए थी। उसके बाद बीआरपीएल ने 2017-18 में दोबारा इसकी अनुमानित लगात 2538.35 करोड़ रुपए आंकी। अब रेलवे बोर्ड ने 2023-24 के लिए इसका विस्तृत अनुमान 3282.14 करोड़ रुपये लगाया है। वहीं रेलवे बोर्ड ने इस कार्य के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
राजधानी से बस्तर को जोड़ने के लिए रेलवे ने बड़ा फैसला ले लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीआरपीएल की लेट लतीफी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने अब सवघाट जगदलपुर रेल लाइन परियोजना को अपने हाथ में लेने का फैसला ले लिया है। अब कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने पहले ही इसके संकेत दे दिए थे अब इसकी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा करना ही बच्चा है। मालूम हो कि 13 सितंबर 2022 को इस सबंध में बीआरपीएल को पत्र लिखा था। रेलवे ने चार दिन के अंदर ही सारे वस्तावेज सौंपने को कहा था। 19 सितंबर को सारे कागजात पेश कर दिए थे इसके बाद से अटकले चल रही थी। इसी बीच 2023 में पूरी तरह से रेलवे बोर्ड ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।
1995 से चल रही प्रक्रिया यह है इसकी स्थिति
आजादी के 7 दशक बाद भी बस्तर के अनेक इलाके तक रेल सुविधा नहीं पहुंची है। वर्ष 1995 में योजना आयोग ने दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक रेल मार्ग को स्वीकृति दी थी जिसे लेकर पहली बार 1996-97 में और दूसरी बार 2007 में अनुबंध भी हुआ, लेकिन आज तक यह काम शुरू नहीं हो पाया है। जगदलपुर से रावघाट तक 140 किलीमीटर की रेललाइन निर्माण के लिए नौ मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दंतेवाड़ा जनसभा में एमओयू किया गया था। इसमें सेल एनएमडीसी, इरकान और सीएमडीसी शामिल हैं। इन चारों कंपनियों ने मिलकर बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई है।
रूट की लेंथ – 140 किमी कितने साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट – 3 साल ट्रैक में कितनी तेजी से दौड़ सकेगी ट्रेन – 130 किमी प्रति घंटे
ऐसे बढ़ गई प्रोजेक्ट की राशि प्रोजेक्ट की राशि करोड़ में
2017-18 = 2583.35
2023-24 = 3282.14