नजरअंदाज करना हो सकता है जानलेवा चिकित्सकों के अनुसार पैनिक अटैक के कई मामले इमरजेंसी में पहुंचते हैं। ये युवाओं में आम है, जिसमें मरीज व उसके परिवार को हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक या अन्य गंभीर शारीरिक बीमारी होने का अंदेशा होता है। बार-बार होने वाले ऐसे दौरे, जिसमें शारीरिक जांचें सामान्य रहती हैं। ये चिंता के दौरे यानी पैनिक अटैक की पहचान होते हैं। (CG Jagdalpur News) इसमें घबराहट, धड़कन बढ़ने, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आने कंपकंपी होने व ऐसा लगना जैसे अब जान निकल जाएगी। कई बार चिकित्सक इसे एंग्जाइटी बताकर घर भेज देते हैं। (CG Health Update) लेकिन समस्या जैसी की तैसी बनी रहती है। इसे नजरअंदाज करना कई बार पीडित की जान भी ज सकती है।
मानसिक, नकारात्मक विचार सबसे बड़ा कारण मन में नकारात्मक विचार अटैक के पीछे सबसे बड़ा कारण हैं। अनहोनी होने की आशंका, गंभीर शारीरिक बीमारी होने का डर, परफॉरमेंस एंग्जायटी की समस्या बढ़ती जा रही है। अ पनी पर्सनालिटी को लेकर भी युवाओं में नकारात्मक विचार आते है। जबकि कुछ लोगों में चिंता स्वभाव में रहती है जो कई बार इसका कारण बनती है।(Jagdalpur News Update) रिलेशनशिप में तनाव, पढ़ाई लिखाई या काम का तनाव भी खतरा है।
किसी भी तरह के पैनिक अटैक होने पर तुरंत विकित्सक से सलाह लें और आवश्यक इलाज करवायें। जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक को भी दिखायें ताकि इस तरह की समस्या से निजात मिल सकें। मरीज व उनके परिवारों को इनके कारणों एवं (CG News Today) इलाज की प्रक्रिया की सही जानकारी होना आवश्यक है।
– डॅा नवीन दुल्हानी, एमडी मेडिसीन, एचओडी मेकाज डिमरापाल