ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई इमरजेंसी मामलों में भी मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में मजबूरी में यह मरीज शहर आकर निजी लैब में जाकर मोटी रकम खर्च कर रहे हैं जिससे की समय पर उनका इलाज हो सके।
CG News: 18 किमी की दौड़
ऐसे मरीज जिन्हें मेकाज के डॉक्टर जल्द सोनोग्राफी कराने या फिर गंभीर मरीजों को तुरंत ही जांच काने के निर्देश देते हैं। ऐसे में मरीजों को मेकाज को छोडक़र शहर की तरफ दौड़ लगानी पड़ती है। इस बीच उन्हें करीब आने जाने में 18 किमी का सफर तय करना पड़ता है। वह भी निजी लैब में। यहां उन्हें मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। उसके बाद रिपोर्ट लेकर वापस मेकाज आना पड़ता है। तब जाकर इलाज शुरू हो पाती है।
गर्भवतियों के लिए भी लंबी वेटिंग
जांच के लिए गर्भवती की लंबी वेटिंग है। मेडिसिन, सर्जरी व दूसरे विभागों के डॉक्टर भी कई बीमारियों के लिए पेट की सोनोग्राफी करवाते हैं। ऐसे मरीजों की लाइन भी काफी लंबी हो गई है। रेडियो डायग्नोसिस विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती की एक से अधिक बार सोनोग्राफी करवाने के कारण ही वेटिंग बढ़ गई है। अब वेटिंग कम करने के लिए एक घंटे अतिरिक्त जांच की जाएगी। विभाग में डॉक्टरों की कमी नहीं है। गंभीर केस के लिए कंसल्टेंट डॉक्टर मरीजों की जांच करते हैं। रुटीन जांच जूनियर डॉक्टर से करवा रहे हैं। प्राइवेट सेंटरों में 800 से 2500 रुपए तक खर्चने पड़ रहे
मरीजों को प्राइवेट सेंटरों में सोनोग्राफी के लिए 800-2500 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। मेकाज को खुले 17 साल हो गए पर यह समस्या तभी से बनी हुई है।
रेडियो डायग्नोसिस विभाग में सोनोग्राफी के लिए पहुंचने वाले मरीजों में बड़ी संख्या उन महिलाओं की है, जिन्हें स्त्री रोग विभाग तुरंत यह करवाने की अनुशंसा करता है। खासकर हर गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच अनिवार्य है। इसके बाद ही डॉक्टर संबंधित महिला को स्वास्थ्य संबंधी सलाह दे पाते हैं।
हर दिन 40 के करीब मरीजों की होती है जांच
CG News: विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर दिन मेकाज में करीब 40 लोगों की सोनोग्राफी की जाती है। विभाग का कहना है कि इसमें इमरजेंसी समेत गर्भवती महिलाओं की जांच शामिल है। जबकि विभाग में डॉक्टरों की संख्या पर्याप्त बताई जा रही है। लेकिन मशीनों की कमी के चलते जांच में देरी हो रही है। जल्द ही इसके लिए आवश्यक प्रयास करने की बात मेकाज प्रबंधन कह रहा है।