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छिंदवाड़ा

कचरा ऑटो के विवादास्पद मुद्दे पर विचार नहीं करेगी एमआईसी

महापौर कांता सदारंग ने 11 जनवरी को फिर से कौंसिल की बैठक बुलाई है। इससे पहले इस मुद्दे को लेकर पिछली बैठक में कमिश्नर और कौंसिल सदस्य आमने-सामने आ गए थे।

छिंदवाड़ाJan 07, 2016 / 11:47 am

prabha shankar


छिंदवाड़ा. नगर निगम की मेयर-इन-कौंसिल और कमिश्नर के बीच विवाद का विषय बनी 11 कचरा ऑटो की विवादास्पद निविदा पर अब विचार नहीं होगा। महापौर कांता सदारंग ने 11 जनवरी को फिर से कौंसिल की बैठक बुलाई है। इससे पहले इस मुद्दे को लेकर पिछली बैठक में कमिश्नर और कौंसिल सदस्य आमने-सामने आ गए थे। प्रस्तावित बैठक में संशोधित प्रस्ताव रखे जाएंगे, जिसमें सभापतियों की प्राथमिकताओं को भी शामिल किया जाएगा।

नगरनिगम सूत्रों के अनुसार नगरनिगम में 11 कचरा ऑटो की ई-निविदा में भोपाल की वाहन एजेंसी के टेंडर मूल्य और नियमों को लेकर मेयर-इन-कौंसिल के सदस्यों में गहरी नाराजगी है। इसका प्रस्ताव कौंसिल में रखा गया है। पिछली बैठक में इस मुद्दे पर महापौर समेत अन्य सदस्य कमिश्नर एसबी सिंह से बहस के बाद बाहर हो गए थे। इस घटनाक्रम के बाद एक दिन पहले महापौर सदारंग ने भोपाल में सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। हालांकि इस मुलाकात को औपचारिकता बताया गया है लेकिन निगम के अधिकारी-कर्मचारी और पार्षद कमिश्नर की शिकायत को लेकर देख रहे हैं। इस बीच महापौर द्वारा फिर से कौंसिल की बैठक बुलाए जाने से राजनीतिक चर्चाओं ने अलग जोर पकड़ लिया है।

सीएम से अलग से करेंगे शिकायत

महापौर कांता सदारंग का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात औपचारिकतावश की गई है। जहां तक कमिश्नर की शिकायत का सवाल है तो पार्षद और सभापतियों को साथ लेकर अलग समय लिया जाएगा और इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी, जिसमें विधायक चौधरी चंद्रभान सिंह भी होंगे। उनके अनुसार 11 जनवरी को मेयर-इन कौंसिल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभापतियों के नए समेत पुराने प्रस्तावों पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य विषय भी रखे जाएंगे। परिषद शहर विकास के निर्णय लेने में स्वतंत्र हैं।

कौंसिल के निर्णय पर टिका भविष्य
मेयर-इन-कौंसिल की अगली बैठक में इस बार सभापतियों के वे प्रस्ताव भी शामिल किए जाएंगे, जिन्हें पिछली बैठक में छोड़ दिया गया था। इससे उनकी नाराजगी भी दूर होगी वहीं कुछ भाजपा पार्षदों के असंतोष को भी कम किया जा सकेगा। इसके अलावा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन-भत्ते समेत अन्य मुद्दे भी रखे जा सकेंगे। फिलहाल इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।

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