सुधा परमार, प्राचार्य कन्या क्रं 2 ने कहा, आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जानी चाहिए। साथ ही सरकारी नौकरीपेशा वालों के लिए आयकर का स्लैब कम रखा जाना चाहिए।क्योँकि उन्हें दोहरा आयकर देना पड़ता है।पेट्रोलियम पदार्थों की दरें कम होनी चाहिए क्योंकि इससे सामान्य नागरिको का जनजीवन सबसे ज्यादा प्रभावित होता है जैसे पेट्रोल, घरेलू गैस ईंधन।
मोनिका नोतानी, शिक्षिका आत्मानंद स्कूल ने कहा, घरेलू चीजों की कीमत कम हो, इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाई जाए। होम लोन के ब्याज में महिलाओं को छूट मिले। सरकार को युवाओं के लिए भी सोचना चाहिए। युवाओं की पॉकेट मनी जस की तस है लेकिन खर्च लगातार बढ़ते जा रहे हैं। महंगाई आज सबसे बड़ा मुद्दा है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।
बसंती नेगी, असिस्टेंट प्रोफेसर क्राइस्ट कॉलेज ने कहा, सरकार को स्किल डेव्हलपमेंट पर अधिक फोकस करना चाहिए। लर्निंग, पेपर लेस वर्क व स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यों में छात्राओं को विशेष सुविधा मिले। छात्राओं व महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान बनें। ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।
प्रीति साहू, गृहिणी ने कहा, महंगाई जिस तेजी से बढ़ रही है, इससे किचन का बजट गड़बड़ा रहा है। इस बार बजट ऐसा हो कि गृहणियों को किचन के लिए खाने की चीजें खरीदते समय ज्यादा सोचना न पड़े। दवा, राशन, गैस सिलेंडर समेत खाने पीने की चीजों के रेट कम हों। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों को आसानी से सुविधाएं मिल सके।
एजुकेशन सस्ता हो
ईशी साहू, गृहिणी ने कहा, इस बजट में एजुकेशन सस्ता होना चाहिए। बढ़ती महंगाई में बच्चों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि वहां बहुत ज्यादा फीस ली जा रही है। सरकार इस बजट में शिक्षा पर अधिक खर्च करे ताकि उनके बच्चों को सस्ती और गुणवत्ता परक शिक्षा मिल सके। सरकार को बजट में इसे भी शामिल करना चाहिए।
महंगाई पर नियंत्रण की उम्मीद
गायत्री आचार्य, उदघोषक आकाशवाणी ने कहा, उम्मीद है इस वर्ष का आम बजट(Budget 2023-24) आम महिलाओं को राहत देने वाला होगा। महंगाई पर नियंत्रण के साथ-साथ पौष्टिक खाद्य वस्तुएं महंगी नहीं होनी चाहिए। महीने की 1 तारीख से 31 तारीख के बीच घर की गाड़ी को बिना किसी व्यवधान के चलाए जाने की जिम्मेदारी महिलाओं की होती है। गैस सिलेंडर, राशन, सब्जी, तेल, चीनी जीवन का सबसे बड़ा मुद्दा होता है इन मुद्दों को सुलझाया जाए।