189 में 96 किमी का कार्य हो चुका है पूरा
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधन के. संदीप ने बताया कि 189 किमी लंबे कोरापुट कोट्टावलसा खंड का 96.45 किमी पूरा हो चुका है और गोरापुर-दार्लिपुट खंड के चालू होने के साथ, डिवीजन को इस साल 15 अगस्त तक केके लाइन के इस हिस्से में 100 किमी दोहरीकरण का लक्ष्य पार करने की संभावना है। वहीं दूसरी तरफ वित्तीय वर्ष तक बस्तर के शत प्रतिशत हिस्से पर ट्रैक बिछाने की बात कही है। सुरंग तैयार करने में जुटे
डीआरएम के साथ एडीआरएम सुधीर गुप्ता, मुय अभियंता राजीव कुमार एवं अन्य विभागीय अधिकारी की टीम लगातार इसकी तैयारी में जुटी हुई है। टीम ने निर्माण और विभागीय अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय की निगरानी की। जिससे संचालन सुव्यवस्थित हुआ और केके लाइन पर सुरंगों के निर्माण में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि समन्वय, माल ढुलाई को संभालने के लिए संचालन को सुव्यवस्थित करने के कार्य में तेजी आई है।
लैंडस्लाइड पर नजर
चुनौतीपूर्ण बोदावरा शिवलिंगपुरम खंड, जिसमें कंडोलाइट चट्टानें और मिट्टी के साथ मिश्रित बलुआ पत्थर वाली मिट्टी शामिल है, परियोजना की जटिलता को रेखांकित करती है। यह पहल क्षेत्र में रेलवे परिचालन की गति और दक्षता बढ़ाने, भविष्य की परिवहन आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस पर काम शुरू हो गया है। रेलवे का कहना है कि यहां अब लैंड स्लाइड जैसी घटनाएं नहीं होगी। यदि होती भी हैं तो नुकसान न हो।
2026 तक दोहरीकरण कार्य पूरा करने का किया दावा
केके लाइन के कोट्टावलसा अराकू खंड पर सुरंगों का निर्माण आज 1.4 किमी लंबी सुरंग संया के फेस ब्लास्टिंग के साथ एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर पहुंच गया है। 5 बोदावरा और शिवलिंगपुरम के बीच मंडल रेल प्रबंधक वाल्टेयर सौरभ प्रसाद की देखरेख में यह मार्च 2026 तक रेलवे लाइन को दोगुना करने के प्रयास चल रहे हैं।