बस्तर के जल प्रपात, देवी मंदिर व पौराणिक स्थानों के साथ ही रहन-सहन व खान-पान से पर्यटकों को जोडऩे की का प्रयास इसके अंतर्गत किया गया है। बस्तर मड़ई के लिए पर्यटक अलग-अलग सर्किट में घूमते हुए बस्तर को करीब से जान पाएंगे। बस्तर के 580 टूरिस्ट स्पॉट इसके अंतर्गत तय किए गए हैं।
इस बार बस्तर आने वाले पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में पहल की जा रही है। उन्होंने दसरा-पसरा में की जहा रही तैयारियों का भी ब्योरा दिया और बताया कि प्रयास किया जा रहा है कि
दशहरा से पहले दसरा-पसरा का काम पूरा कर लिया जाए। दसरा-पसरा के माध्यम से पर्यटक बस्तर की संस्कृति के अलावा दशहरा की रस्मों के बारे में भी जान पाएंगे।
Bastar Dussehra 2024: 21 से 2 अक्टूबर तक होंगे यह आयोजन
- – 21 सितंबर को लालबाग से माता मंदिर चौक तक सामूहिक नृत्य।
- – 21 सितंबर से 1 अक्टूबर तक समुंद चौक से बस्तर आर्ट गैलरी तक बस्तर हाट आमचो खाजा।
- – 22 सितंबर को मोचा पिंघना पारंपरिक परिधान पर आधारित कार्यक्रम दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
- – 23 सितंबर को एमएलबी स्कूल में रंगोली प्रतियोगिता।
- – 24 सितंबर को बस्तर नाचा दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
- – 25 सितंबर को बस्तर के रंग पेंटिंग स्पर्धा सिटी ग्राउंड में।
- – 26 सितंबर को फोटोग्राफी प्रदर्शनी वीर सावरकर भवन में।
- – 27 सितंबर को पारंपरिक लोक संगीत दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
- – 28 सितंबर को यूजन संगीत दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
- – 29 सितंबर को बस्तर की कहानी व कवि समेलन दलपत सागर में।
- – 30 सितंबर को बस्तरिया नाचा दंतेश्वरी मंदिर के सामने।
- – 1 अक्टूबर को चलित नृत्य विभिन्न स्थलों पर।
- – 2 अक्टूबर से समुंद चौक से बस्तर आर्ट गैलरी तक पारंपरिक व्यंजन के फूड स्टॉल।