पहले दिन 6 ट्रकों से लकड़ियां लाई गई एक-दो दिनों में कारीगर पहुुंचकर रथ निर्माण शुरू कर देंगे। इस रथ को बनाने के लिए 100 से अधिक ग्रामीण और रथ कारीगर शहर के सीरहासार भवन में रुककर करेंगे। यह विशालकाय दुमंजिला रथ का होगा।
15 दिनों में पूर्ण किया जाएगा रथ निर्माण
रथ निर्माण का कार्य बेड़ाउमरगांव और झाड़उमर गांव के ही ग्रामीण कारीगरों द्वारा 15 दिनों में इस रथ का निर्माण पूर्ण किया जाएगा। तहसील के कर्मचारियों ने बताया कि, रथ कारीगरों को जगदलपुर आने के लिए निमंत्रण भेज दिया गया है।
(Bastar Dussehra 2024) उम्मीद है कि वह 22 सितंबर तक आ जाएंगे। इसके बाद इस वर्ष 8 चक्कों वाला विजय रथ का निर्माण किया जाएगा।
इस रथ को बनाने के साथ ही इससे पहले 4 चक्के वाला फूल रथ का सुधार कार्य किया जाएगा। बस्तर दशहरा में रथ निर्माण के लिए ग्राम कुम्हली, पुशपाल, माचकोट, नानगुर, नेगानार, दरभा, पंडरीपानी, बिरिंगपाल और चित्तालूर से लकड़ी लाई गई है।
बस्तर मड़ई की थीम
Bastar Dussehra 2024: वहीं बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कलेक्ट्रेट में पत्रवार्ता लेते हुए बताया कि 21 सितंबर से बस्तर मड़ई की शुरुआत हो रही है। 10 दिन तक बस्तर की लोक संस्कॄति और रहन-सहन के साथ ही खान-पान से जुड़े आयोजन इस दौरान होंगे। उन्होंने बताया कि दशहरा के दौरान पर्यटक सिर्फ रथ यात्रा और चित्रकोट-तीरथगढ़ घूमने तक सीमित ना रहें इसलिए बस्तर मड़ई की थीम लांच की गई है। बस्तर के जल प्रपात, देवी मंदिर व पौराणिक स्थानों के साथ ही रहन-सहन व खान-पान से पर्यटकों को जोडऩे की का प्रयास इसके अंतर्गत किया गया है।
(Bastar Dussehra 2024) बस्तर मड़ई के लिए पर्यटक अलग-अलग सर्किट में घूमते हुए बस्तर को करीब से जान पाएंगे। बस्तर के 580 टूरिस्ट स्पॉट इसके अंतर्गत तय किए गए हैं।