scriptBasant Panchami 2024: विशेष योग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी, इस विधि व मुहूर्त में करें मां की पूजा,होगी प्रसन्न | Basant Panchami will be celebrated in special yoga on 14th February | Patrika News
जगदलपुर

Basant Panchami 2024: विशेष योग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी, इस विधि व मुहूर्त में करें मां की पूजा,होगी प्रसन्न

Basant Panchami:इस बार बसंत पंचमी कुछ खास होने वाली है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन विवाह सहित मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी। बसंत पंचमी 14 फरवरी को होने से और खास हो गया। वैलेंटाइन डे के रूप में मशहूर होने से इस दिन विवाह बहुत यादगार होने वाला है।

जगदलपुरFeb 03, 2024 / 01:08 pm

Khyati Parihar

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Basant Panchami 2024: इस बार बसंत पंचमी कुछ खास होने वाली है। अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन विवाह सहित मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी। बसंत पंचमी 14 फरवरी को होने से और खास हो गया। वैलेंटाइन डे के रूप में मशहूर होने से इस दिन विवाह बहुत यादगार होने वाला है। बसंत पंचमी पर विद्यालयों में विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी। यही वजह है कि बसंत पंचमी 14 फरवरी को विशेष योग होने के कारण शादी सहित कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
शत प्रतिशत मैरिज गार्डन बुक

इस बार बसंत पंचमी के दिन पहली बार शादियां जोरों पर है। यही वजह है कि इस दिन के लिए शहर के अधिकांश मैरिज गार्डन बुक हैं। इस वर्ष अधिक मलमास और शादी का मुहूर्त कम होने के कारण यह पहली बार है कि बसंत पंचमी के अक्षय मुहूर्त में शादियों को लेकर उत्साह है।
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बसंत पंचमी का मुहूर्त

पंडित दिनेश दास के मुताबिक पंचमी तिथि 13 फरवरी को दिन में 2.45 से प्रारंभ होगी जो 14 फरवरी को दोपहर 12.12 बजे तक रहेगी। इस दिन रेवती अश्विनी नक्षत्र और शुभ नामक योग रहेगा। मार्च मध्य तक मांगलिक आयोजनों होंगे। फरवरी में बीस से अधिक मुहूर्त हैं। मार्च में 4, 5, 6, 7 को मांगलिक आयोजन होंगे। 12 मार्च को फुलेरा दूज का अबूझ मुहूर्त के बाद अप्रैल में मांगलिक आयोजन होंगे।
बसंत पंचमी को अक्षय योग

Basant Panchami 2024 Date: ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास के मुताबिक देवप्रबोधिनी और देवशयनी एकादशी, अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा की तरह बसंत पंचमी भी अबूझ मुहूर्त है। बसंत पंचमी के दिन अक्षय योग होने के कारण इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है जो किसी भी शुभ कार्य के लिए विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन किया गया कोई भी कोई भी संस्कार अक्षय फल प्रदान करता है। मां सरस्वती की पूजा करने से जिनकी कुंडली में दोष होते हैं वह दूर होता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस दिन किये गये पूजा, अनुष्ठान से साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होतीेे है।
सरस्वती पूजन का महत्व

Basant Panchami: बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा का बड़ा महत्व है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। 100 साल के बाद इस साल सरस्वती पूजा के दिन रेवती नक्षत्र पंचमी तिथि और बुधवार रहेगा। इस दिन शुक्ल योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे कई योग का निर्माण एक साथ होने जा रहा है। सबसे खास यह है कि बसंत पंचमी के दिन शिव वास का भी योग है, जो इस दिन को और खास बनाता है।

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