पिछले 800 सालों से बस्तर में आज भी विराजमान है जुड़वां गणेश, जानिए क्या है पीछे की कहानी
32 खंभों की वजह से मशहूर है
जी हां हम बात कर रहे हैं बारसूर के बत्तीसा मंदिर की, दक्षिण बस्तर की ऐतिहासिक नगरी बारसूर में स्थित प्राचीन बत्तीसा मंदिर न सिर्फ अपने 32 खंभों की वजह से मशहूर है, बल्कि दोहरे गर्भगृह वाले इस अनूठे शिवालय को और खास बनाती हैं। पूरे बस्तर संभाग में दो गर्भगृह वाला यह इकलौता शिवालय है। ये दोनों शिवालय सोमेश्वर महादेव और गंगाधरेश्वर महादेव के नाम से शिलालेख में दर्ज है। सन 1208 में नाग शासन काल में राजमहिषी गंगमहादेवी ने यह मंदिर बनवाया था।
रिसेटिंग करवाकर इसे नया जीवन दिया
एक शिवालय अपने नाम पर एवं दूसरा शिवालय अपने पति महाराज सोमेश्वर देव के नाम पर नामकरण किया। नंदी के खुरों को इतने अच्छे तरीके से बनाया हैए जैसे बाहर की तरफ़ पैर मोड़ कर बैठा हुआ जीवंत बछड़ा हो। कहा जाता है कि, इस नंदीराज के कानों में आप अगर कोई भी मुराद मांगते हैं वो जरूर पूरी होती है। सालों पहले बना यह मंदिर ध्वस्त हो चुका यह बत्तीसा मंदिर को राज्य पुरातत्व विभाग ने करीब 10 साल पहले रिसेटिंग करवाकर इसे नया जीवन दिया है।