अब जब फोर्स ने नक्सलियों को पीछे ढकेल दिया है तब कहीं जाकर यह संभव हो पाया। गांव के बच्चे भी आजादी के पर्व को लेकर उत्सुक नजर आए। कोलेंग पोस्ट, सीआरपीएफ 80 बटालियन के कंपनी कमांडर संतोष कुमार ने कहा कि चांदामेटा गांव के लोगों को यह सब हासिल हुआ आजादी के 77वें स्वाधीनता दिवस पर और जिनकी बदौलत यह हो रहा है, वे हैं हमारे फोर्स के बहादुर जवान। जिन्होंने कड़ी मेहनत और जान जोखिम में डाल लोगों के लिए सुरक्षा का रास्ता बनाया।
सुविधाओं से थे महरुम नक्सल गतिविधियों की वजह से यहां प्रशासन की पहुंच न के बराबर थी। इसकी वजह से यहां की बड़ी आबादी, बुनियादी सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, राशन, सरकारी योजनाओं से महरूम थी। सुरक्षा कैंप खुलने से पूरे इलाके को फायदा मिला। इससे पहले नक्सली दबावपूर्वक काला झंडा फहराया करते थे। देशभक्ति का जुनून तो मन में था, मगर गांव वाले उसे जाहिर करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। मोबाइल कनेक्टिविटी, पानी, सड़क आदि बुनियादी सुविधाएं मयस्सर होते ही इलाके की सूरत बदली और लोगों में जैसे माओवादियों की खिलाफत करने की हिम्मत आ गई।