छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके (Tribal Area) के ज्यादातर बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं।
नक्सल क्षेत्र (Naxal Area) बस्तर में कुपोषण का स्तर (Malnutrition level) सबसे अधिक है। जिसे खत्म करना छत्तीसगढ़ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।बस्तर में रहने वाले आदिवासियों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं होने के कारण जगदलपुर संभाग के सभी जिलों को चिकित्सा सुविधाओं के मामले में स्वास्थ्य सूचकांक में सबसे पिछड़े जिले के रूप में शामिल किया गया है।ऐसे में इस बिमारी (Acute Encephalitis Syndrome) से छत्तीसगढ़ के कुपोषित बच्चों के प्रभावित होने की सम्भावना बढ़ गयी है।
लीची खाने से हो सकते हैं इस भयावह बिमारी के शिकार, बिहार में कई बच्चों ने गवाई जान बस्तर में दस्तक दे चूका है ‘चमकी’,एक बच्चे की मौत
जगदलपुर बस्तर सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के अलावा अन्य स्थानों पर बच्चों के काल के रूप में जाने जाने वाला
जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के बाद अब एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) बस्तर में फैलने की आशंका है। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के लक्षणों से पीड़ित पांच मासूमों को मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती कराया गया है। ऐसा ही बुखार समय बिहार में तेजी से फैल रहा है जिसे चमकी बुखार कहा जा रहा है।
टूट रहा है नक्सलवाद का तिलिस्म, 6 साल में 332 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण मंगलवार को बस्तर के चोलनार गांव से मासूम भुआने नाग उम्र 4 साल को गंभीर अवस्था में मेडिकल कालेज में में भर्ती करवाया गया। इस मासूम की जांच के बाद जो रिपोर्ट आई उसमें जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephlitis) के अलावा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) के भी लक्षण है।चार बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जबकि एक बच्चे की मृत्यु हो गयी है। पिछले कुछ सालों में बस्तर में से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे थे लेकिन इस साले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की शिकायत के साथ पहुंच रहे है।
बरतें ये सावधानियां
शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि मैं इन दिनों बच्चों को होने वाले साधारण बुखार पर नजर रखने की जरूरत है।एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम (Acute
Japanese Encephalitis Syndrome) के प्रारम्भिक लक्षण बुखार उलटी,दस्त के रूप में सामने आते हैं। ऐसे में घर पर इलाज करने के बजाय तत्काल डॉक्टर से संपर्क करके इलाज करवाएं। आपको बता दें की जगदलपुर मेडिकल कालेज में इस बीमारी से लड़ने के पूरे इंतजाम किये गए हैं। यहां चिल्ड्रन वार्ड में 64 बेड के अलावा नर्सरी में 36 बेड और 8 वेंटिलेटर भी मौजूद है।
जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस में अंतर
अभी तक
बस्तर में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चे मिल रहे थे और इससे बच्चों की मौत भी हो रही थी लेकिन अब एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के हॉस्पिटल आने के बाद दोनों बीमारियों को लेकर लोगों में भ्रम पैदा हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार बताया कि जापानी इंसेफ्लाइटिस बुखार का एक कारण और इसके वायरस को ढूंढा जा चूका है।
जबकि एक्यूट जापानी इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम एक लक्षण है। यह निमोनिया,साधारण खासी और बुखार में भी विकसित हो जाता है। जापानी इंसेफ्लाइटिस (Japanese Encephlitis) और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम में सबसे बड़ा फर्क यह है कि जापानी इंसेफ्लाइटिस के होने का स्पष्ट कारण और उसके वायरस की खोज की जा चुकी है। जबकि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस (Acute Encephalitis Syndrome) में इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम है जो कभी भी किसी भी कारण से हो सकता है। इसके फैलने का कोई एक तरीका नहीं है।