मड़ई तालाब के किनारे अंकित सेंगर के खेत में धान की फसल लगी है और खेत से 100 कदम दूरी पर उसका घर है। बीते दो वर्ष से इस क्षेत्र के बिलपुरा और मड़ई तालाब के आसपास मगरमच्छों का कुनबा पहुंचने से कॉलोनी के लोग दहशत में हैं। अंकित ने बताया, शनिवार रात 12.30 बजे वह खेत में मवेशी भगाने गया था। लौटते समय मेड़ पर मगरमच्छ था। वह लौटकर घर पहुंचा और डंडा लेकर मगरमच्छ भगाने की कोशिश की तो वह डंडा को दांत से पकड़कर हमलावर हो गया। फिर उसकी गर्दन पर पैर रखकर पकड़ा और मुंह बांधकर घर लाया। रात में कमरे में बंद कर दिया ताकि किसी को नुकसान न पहुंचा सके। वन विभाग की रेस्क्यू टीम के प्रभारी गुलाब सिंह राजपूत टीम के साथ रविवार दोपहर 12 बजे मौके पर पहुंचे और मगरमच्छ को सतर्कतापूर्वक वाहन में रखकर खंदारी जलाशय ले गए। टीम में राम विनोद मांझी, अजीत गग्र, लखन बर्मन, राजेंद्र ठाकुर, सर्प विशेषज्ञ रज्जू शर्मा एवं संदीप शामिल थे।
पिछले साल भी पकड़ा था मगरमच्छ
वर्ष 2018 में भी कॉलोनी में बार-बार मगरमच्छ निकलने के कारण लोग दशहत में थे। घर से बच्चों को अकेले बाहर नहीं जाने देते थे। वन विभाग की टीम पहुंचती थी तो पानी कम होने तक रेस्क्यू के लिए इंतजार करने बातें होती थी। 9 सितम्बर को 5 फुट का मगरमच्छ बाहर निकला था तो अंकित ने उसे पकड़कर वन विभाग को सौंपा था।
अंकित के हाथों में भी लगे हैं दांत
मगरमच्छ से सामना करने में अंकित के हाथों मं भी दांत लग गए हैं। उसने बताया कि घर के पास कई बार मगरमच्छ दिख चुका था। वह परिवार व कॉलोनी के दूसरे लोगों पर हमला न करें, इस जोखिम को टालने के लिए जोखिम लिया। रात थी और वह अकेला था। शायद भूखे मगरमच्छ ने हमला किया तो उसे पकडऩा आवश्यक समझा। आधी रात में जुटे कॉलोनी के लोगों ने उसे शाब्बाशी दी।