जबलपुर. शहर में योग और नैचुरोपैथी से चिकित्सा की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है।प्राकृतिक चिकित्सा के लिए लोग उत्तराखंड से लेकर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में जा रहे हैं। लेकिन यहां के युवाओं के लिए इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के ज्यादा अवसर नहीं हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध भोपाल के संत हृदय राम कॉलेज में ही योग और नैचुरोपैथी से यूजी-पीजी कोर्स संचालित है। यह कॉलेज भी महिलाओं के लिए है। इसमें बीएनवाइएस व एमडी की 5-5 सीट हैं। योग- नैचुरोपैथी से यूजी-पीजी करने के लिए छात्रों के पास प्रदेश से पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
औषधियों का भंडार जबलपुर के साथ शहडोल अमरकंटक, मंडला, डिंडौरी, सिवनी, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद के साथ ही प्रदेश के कई और जिलों के सघन वन क्षेत्र में प्राकृतिक औषधियों का भंडार है। विशेषज्ञों के अनुसार यहां योग और नैचुरोपैथी के बड़े केन्द्र स्थापित होने की भरपूर संभावना है। इसके बावजूद यहां प्रयास ही नहीं हो रहे हैं। नतीजतन इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने की रुचि रखने वाले युवाओं के पास कोई विकल्प नहीं हैं।
योग- नैचुरोपैथी के कॉलेज शुरू करने के प्रस्ताव आए हैं। इस दिशा में काम करेंगे, जिससे प्राकृतिक चिकित्सक की इन विधाओं में कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं को बेहतर आवसर मिल सकेंगे।
डॉ. पुष्पराज बघेल, रजिस्ट्रार, मेडिकल यूनिवर्सिटी
Hindi News / Jabalpur / Yoga-Naturopathy में देश-दुनियाभर के लोगों की बढ़ रही रुचि। यहां प्रदेश में केवल एक महिला कॉलेज