शराब दुकानों का समय किया कम तो ठेके की राशि क्यों नही घटा रहे
मप्र हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा
मां वैष्णो देवी इंटरप्राइजेज जबलपुर के आशीष शिवहरे सहित छिंदवाड़ा, लखनादौन, सिवनी, भोपाल, टीकमगढ़ व अन्य जिलों के 30 शराब ठेकेदारों ने याचिका दायर की। अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट को तर्क दिया कि जब याचिकाकर्ताओं ने सम्बंधित शराब दुकानों के ठेके लिए तो निविदा की शर्तें कुछ और थीं। इनके तहत शराब दुकानों को दिन में 14 घण्टे खोले जाने की अनुमति थी। दुकान के साथ मे शराब पीने के लिए अहाता संचालन की भी अनुमति थी। लेकिन 23 मार्च के बाद से परिस्थितियां बदल गईं।
लॉकडाउन के चलते 40 दिन दुकानें बंद रहीं। अब इन्हें खोलने की अनुमति भी दी गई है, तो कठोर शर्तों के साथ। इनके तहत जबलपुर, भोपाल आदि शहरी इलाकों में अभी भी दुकाने खोलने की अनुमति नही दी गई। जहां इज़ाज़त दी गई है, वहां भी महज 4-5 घण्टे शराब दुकानें खोली जा सकती हैं। अहाता के संचालन पर अभी भी प्रतिबंध लगा हुआ है। अधिवक्ता दिवाकर ने तर्क दिया कि इसके चलते याचिकाकर्ता ठेकेदारों को तगड़ा नुकसान हो रहा है। फिर भी राज्य सरकार ने ठेकों की निर्धारित राशि ( बिड) कम करने के लिए कोई पहल नही की है। आग्रह किया गया कि ऐसे में याचिकाकर्ताओं के लिए पूर्व में तय की गई ठेकों की राशि(बिड) नुकसान के उचित अनुपात में कम की जाये। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने रखा।