हम सिर्फ जागरूक कर सकते हैं
इंग्लैंड के रहने वाले वीगन एक्टिविस्ट डेविड ने बताया कि वीगनिज्म लाइफ अपनाने के लिए वे लोगों को सिर्फ अवेयर करते हैं, क्योंकि इस लाइफ को अपनाना लोगों के नजरिए पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि जब वे 19 साल के थे, तब गाय का दूध पीने के कारण उनके पेट में किसी तरह की गड़बड़ी आ गई थी। इस बात को उन्होंने अपने नजरिए से समझा कि गाय का दूध को बछड़े के लिए होता है वह तो इंसान हैं। इसके बाद उन्होंने जीवन को पूरी तरह से वीगन पैटर्न पर अपना लिया। वे कहते हैं व्यापार के नाम से जानवरों पर अत्याचार होते हैं। गायों को जबरन मां बनाया जाता है, ताकि वह साल भर दूध सकें।
हेल्दी रहने के लिए दूध जरूरी नहीं
यूरोप की रहने वाली एनी लेनकी ने बातचीत में बताया कि बचपन से ही उन्होंने वीगन लाइफ अपना ली थी। वे कहती हैं टेस्ट के लिए जानवरों को मारना गलत है। यह लोगों की डिमांड ही है, जिसके कारण जानवरों को भी लोगों ने व्यापार का जरिया बना लिया है।