ये है पूरा मामला
जबलपुर की रहने वाली दो 2 रिलेशन में हैं। बताया गया है कि दोनों बचपन से साथ रहती थीं साथ ही खेलती थीं और साथ ही स्कूल भी जाती थीं। बचपन की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। दोनों लड़कियों की लव स्टोरी के बारे में जब परिवार व समाजवालों को पता चला तो उन्होंने इसे लेकर आपत्ति जताई और दोनों को एक दूसरे से मिलने से रोकने की कोशिश की। प्यार में आ रही पाबंदियों को देख 22 साल की सहेली के साथ युवती 14 अगस्त को घर से भाग गई। युवती के घर से भागने के बाद पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस दोनों लड़कियों को भोपाल से अक्टूबर के महीने में पकड़ा था। लेकिन जब 18 साल की युवती को उसके परिजन के घर लेकर पहुंची तो युवती ने परिवार के साथ रहने से मना कर दिया था।
बेटी को ब्लैकमेल कर रहा था लड़का, पिता ने सूझबूझ से पकड़वाया, जानिए पूरा मामला
पिता ने लगाई हाईकोर्ट में याचिका
बेटी के परिवार के साथ रहने से इंकार करने के बाद अक्टूबर के महीने में ही उसके पिता ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। जिसमें कहा गया कि बेटी को महिला मित्र के बजाय घर पर रहने के लिए मनाने की कोशिशें की, लेकिन वह नहीं मान रही। याचिका को हाईकोर्ट ने मंजूर कर युवती को हाजिर होने का नोटिस तामील कराया। जिसके बाद युवती कोर्ट पहुंची और जज के सामने भी खुद के बालिग होने और समझदार होने के साथ ही अपने पैरों पर खड़े होने की बात कहते हुए सहेली के साथ ही रहने की इजाजत मांगी। जिस पर कोर्ट ने पहले तो दोनों को एक घंटे का समय दिया और जब बाद में भी युवती ने सहेली के साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की तो कोर्ट ने कहा कि लड़की बालिग है, इसलिए अपनी जिंदगी से जुड़े फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।