दुनियाभर में मशहूर डेयर डेविल्स के हैरअंगेज कारनामे, अब तक 29 वर्ल्ड रेकॉर्ड
अब तक 29 वल्र्ड रेकॉर्ड बना चुकी है टीमये है स्थिति- 1935 में हुआ डेयर डेविल्स टीम का गठन- 15 फरवरी, 1991 को बना पहला वल्र्ड रिकॉर्ड- 29 वल्र्ड रेकॉर्ड अब तक बना चुकी है डेयर डेविल्स टीम- 16 दिसंबर 2020 को बनाया आखिरी रिकॉड- ए. अहमद थे टीम के पहले कप्तान- दिशांत कटारिया हैं वर्तमान टीम के कैप्टन- देश और दुनिया में टीम ने किया प्रदर्शन
जबलपुर. डेयर डेविल्स के नाम से दुनियाभर में हैरतअंगेज कारनामों के लिए मशहूर द कॉप्र्स ऑफ सिग्नल मोटर राइडर टीम इस साल भी नए रेकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। इनकी संख्या एक दर्जन हो सकती है। अद्वितीय शौर्य और साहस रखने वाले जवानों के स्टंट कुछ पल के लिए सांस रोक देने वाले होते हैं। भारी भरकम मोटर साइकिल पर किए गए इनके करतब को लोग वर्षों याद रखते हैं। वर्तमान में यह टीम हेडक्वार्टर वन सिग्नल टे्रनिंग सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव कुमार और 2 टेक्निकल टे्रनिंग रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफीसर कर्नल अखिलेश सिंह के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रही है। टीम का गठन वर्ष 1935 में हुआ था। गठन के बाद से ही टीम के जांबाज सदस्य मुख्यालय जबलपुर सहित देश के विभिन्न स्थानों पर अब तक 29 वल्र्ड रेकॉर्ड बना चुके हैं। पहला वल्र्ड रेकॉर्ड 15 फरवरी 1991 और अंतिम वल्र्ड रेकॉर्ड 16 दिसंबर, 2020 को जबलपुर में बना।
34 कप्तान सम्भाल चुके कमान
डेयर डेविल्स टीम के गठन के बाद से अब तक 34 कप्तान कमान सम्भाल चुके हैं। कैप्टन ए. अहमद (पाकिस्तान चले गए थे) टीम के पहले ऑफर प्रभारी थीं। उनके बाद लेफ्टिनेंट एचके रांझी और जमादार एनजी राजन ने कमान सम्भाली। देश की आजादी के बाद 1948 से 1952 तक कर्नल एसएन भाटिया ने टीम का नेतृत्व किया। वर्तमान कप्तान दिशांत कटारिया कमांड में एक अधिकारी, एक जूनियर कमीशन अधिकारी और 32 अन्य रैंक के जवान टीम का हिस्सा हैं। इनके निर्देशन में टीम ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। 13 दिसंबर, 1986 को कोलकाता में डबल सिजर क्रॉसिंग स्टंट के दौरान नायब सूबेदार हनुमान सिंह आर्य शहीद हो गए थे।
ये वल्र्ड रेकॉर्ड बनाए
-15 फरवरी, 1991- सात मोटरसाइकिल पर 40 सैनिकों ने पिरामिड बनाकर सबको चौंका दिया। इस टीम का नेतृत्व कैप्टन ए. देशपांडे ने किया था।
-25 जनवरी, 1994- नौ मोटरसाइकिलों पर 81 जवानों ने पिरामिड बनाकर पूरी दूनिया को चौंका दिया। यह अद्भुत दृश्य था। इस टीम की कमान कैप्टन राजेश कुमार ने सम्भाली थी।
-14 फरवरी 1996- यह दिन डेयर डेविल्स टीम के लिए गौरवपूर्ण रहा। कैप्टन मनमीत सिंह के नेतृत्व में 140 सैनिकों ने 11 मोटर साइकिल पर सवार होकर पिरामिड बनाया।
-05 जुलाई 2001- इस दिन टीम ने मानव पिरामिड बनाने का एक और रेकॉर्ड बनाया। 201 सैनिक 10 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर मैदान में निकले तो ऐसा लगा मानों जादू हो रहा हो। कैप्टन सुखवीर अहूजा की टीम ने यह हैरतअंगेज कारनामा किया।
-03 दिसंबर 2003- दु्रत गति से तीन मोटरसाइकल पर सवार 25 सैनिकों ने एक किमी की दूरी महज 1 मिनट 27 सेकंड में पूरा किया। यह रेकार्ड सुनहरी एयरपोर्ट टाटा नगर मेंं बनाया गया था।
-11 जून 2008- डेयर डेविल्स टीम के 251 सदस्यों ने 11 मोटरसाइकलों पर सवार होकर विशाल मानव पिरामिड बनाया। इस हैरतअंगेज टीम का नेतृत्व कैप्टन राहुल जुयेल ने किया।
-09 अगस्त 2009- रेकॉर्ड बनाने में डेयर डेविल्स टीम को महारत हासिल है। कैप्टन जितेंद्र सिवाच ने 15 फीट 4 इंच ऊंची सीढ़ी पर सवार होकर 9 घंटे 4 मिनट मोटरसाइकल चलाई थी।
-12 अगस्त 2009- कैप्टन जितेंद्र सिवाच ने सबसे ज्यादा समय 23 मिनट 56 सेकंड तक बिना हैंडल बार पकड़े मोटरसाइकिल चलाने का रेकॉर्ड बनाया था। वे इस अवधि में सीट पर नहीं बैठे। पाटन रोड उनके इस करतब की साझाी बनी थी।
-13 अगस्त 2009- कैप्टन जितेंद्र सिवाच मानो रेकॉर्ड बनाने के लिए ही बने थे। उन्होंने 15 मिनट में एक हजार 26 बार जवान के पेट के ऊपर से मोटरसाइकल चलाने का हैरतअंगेज कारनामा किया।
-29 जनवरी 2013- टेढ़े-मेढ़े रास्ते पर बिना हैंडल बार पकड़े कैप्टन अभयजीत मेहलावत ने 16 किमी की दूरी तय की। इस अवधि में वे सीट पर नहीं बैठे। यह कारनामा 1 एसटीसी के रॉबर्ट ट्रैक पर दिखाया गया था।
-29 जनवरी 2013- तीन मोटरसाइकिलों पर 30 जवान जब तेज गति से पिरामिड बनाकर रिज रोड से निकले तो देखने वालों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली। कैप्टन अभयजीत मेहलावत की टीम ने इस प्रदर्शन पर वाहवाही लूटी।
-21 दिसंबर 2013- कैप्टन अभयजीत मेहलावत की अगुवाई में 304 जवान 13 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर निकले तो दर्शकों की सांसें थम गईं। इस अवस्था में जवानों ने 200 मीटर की दूरी तय की थी।
-21 दिसंबर 2013- मोटरसाइकिल पर सवार होकर एक के बाद एक 50 योग मुद्राओं का प्रदर्शन हवलदार एम. रमेश ने किया। गौरीशंकर परेड ग्राउंड 1 एसटीसी में इसे देखने वाले आश्चर्यचकित थे।
-28 दिसंबर 2013- हवलदार जीआर मोहापात्राा ने डुमना एयरपोर्ट पर 56 जवानों के साथ 1.1 किमी दूरी तय की। कैप्टन अभयजीत ने टीम को लीड किया।
-28 दिसंबर 2013- कैप्टन अभयजीत की देखरेख में एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर 56 जवानों ने 550 मीटर की दूरी तय की। हवलदार जीआर मोहापात्रा मोटर साइकिल ड्राइव कर रहे थे। यह रेकॉर्ड भी डुमना एयरपोर्ट पर बना।
-07 अक्टूबर 2014- 1200 बार नायक दिलीप कुमार बेहेरा के पेट के ऊपर से मोटरसाइकिल गुजरी तो लोग दंग रहे गए। 240 किग्रा वजनी मोटरसाइकिल 13 मिनट 2 सेकंड तक उनके ऊपर से गुजरती रही।
-07 अक्टूबर 2014- हवलदार दीपायन चौधरी ने आश्चर्यजनक रूप से मोटरसाइकिल के पिछले हिस्से पर 4 घंटे 21 मिनट 3 सेकंड तक 202 किमी और हवलदार ईश्वरा राव थोलापू ने 4 घंटे 8 मिनट में 172 किमी की दूरी तय की।
-09 सितंबर 2016- सीट पर खड़े होकर 2 घंटे 24 मिनट 12 सेकंड तक मोटरसाइकिल चलाकर कैप्टन मनप्रीत सिंह ने 75.2 किमी की दूरी तय की। 1 एसटीसी के रॉबर्ट ट्रैक पर रेकॉर्ड बनाया। -09 सितंबर 2016- हवलदार संदीप कुमार ने घुमावदार ट्रैक पर 46.9 किमी की दूरी महज एक घंटे 27 मिनट 31 सेकंड में पूरी की। इस दौरान वे पूरे समय हैंडल बार पर बैठे रहे।
-29 नवंबर 2018- 10.5 फीट ऊंची सीढ़ी पर चढकऱ कैप्टन प्रवेश कुमार ने इंदिरा गांधी ग्राउंड में 94.4 किमी की दूरी 4 घंटे 6 मिनट 56 सेंकड में पूरी की। यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बैठकर मोटरसाइकिल चलाने का रेकॉर्ड था।
-26 जनवरी 2019- गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर कैप्टन मनप्रीत सिंह ने 12.5 फीट ऊंची सीढ़ी पर खड़े होकर मोटरसाइकिल चलाई। वे सलामी पोजीशन में थे।
-15 नवंबर 2019- उल्टी मुद्रा में 11 फीट ऊंची सीढ़ी पर सवार होकर हवलदार संग्राम केसरी जेना ने 126.8 किमी की दूरी तय की। उन्होंने 4 घंटे 29 मिनट 45 सेकंड मोटरसाइकिल चलाकर यह उपलब्धि हासिल की।
-10 नवंबर 2020- कैप्टन दिशांत कटारियां ने 65 व्यक्तियों के ऊपर से मोटरसाइकिल को उछाला तो एक पल के लिए लोगों की सांसें थम गईं। उन्होंने मोटरसाइकिल से 61.40 फीट लंबी छलांग लगाई ।
-16 दिसंबर 2020- मोटरसाइकिल की टेल लाइट पर सवार होकर लांस नायक मिसाल गजानन बनानरो ने 111 किमी की सबसे लंबी दूरी तय करने का रेकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2 घंटे 27 मिनट 54 सेकेंड में यह उपलब्धि हासिल की।
-07 अक्टूबर 2014- तेज गति के बीच मानव पिरामिड बनाकर 15 जवानों ने तीन मोटरसाइकिल से गोल ट्रैक पर 68 सेकंड में एक किमी की दूरी तय की। इस रेकॉर्ड में भी नेतृत्व का भार कैप्टन अभयजीत मोहापात्रा के कंधों पर था।
-12 अगस्त 2009- तेज गति से मानव पिरामिड बनाकर मोटरसाइकिल चलाने का रेकॉर्ड कैप्टन जितेद्र सिवाच की अगुवाई में बना। तीन मोटरसाइकिल पर बिना सपोर्ट के 28 जवानों ने पिरामिड बनाकर 1 मि. 6 सेकंड में एक किमी दूरी तय की।
-21 दिसंबर 2013- श्वासरोधक प्रदर्शन में कैप्टन अभयजीत मेहलावत ने 51 जवानों के ऊपर से मोटरसाइकिल को उछाला। उन्होंने इस दौरान 44.10 फीट लम्बी छलांग लगाई। यह प्रदर्शन भी गौरीशंक परेड ग्राउंड में किया गया।
-14 अगस्त 2019- कारगिल दिवस की 20वीं बरसी के उपलक्ष्य में डेयर डेविल्स की टीम ने 10 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर प्रदर्शन किया।
-29 जनवरी 2013- पिरामिड बनाकर तेज गति से दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर 10 जवानों ने एक किमी की दूरी मात्र 54 सेकेंड में पूरी की। इस टीम के कप्तान भी अभयजीत मेहलावत रहे।
-11 जून 2008- डेयर डेविल्स टीम के 251 सदस्यों ने 11 मोटरसाइकलों पर सवार होकर विशाल मानव पिरामिड बनाया। इस हैरतअंगेज टीम का नेतृत्व कैप्टन राहुल जुयेल ने किया।
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