जानकारी के मुताबिक वनपरिक्षेत्र सिहोरा के अंतर्गत मझौली सर्किल जमुनिया पी-14 बीट में वन विभाग ने वर्ष 2005-6 में 25 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कराया था। पौधरोपण में यहां उच्च तकनीकी के बेसकीमती सागौन के पौधे लगाए गए थे। आठ से 10 वर्षों में यह पौधे पेड़ बनकर तैयार हो गए। लकड़ी माफिया की नजर इन पेड़ों पर पढ़ते ही विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से धीरे-धीरे वृक्षों को काटकर चोरी करना शुरू कर दिया गया। प्लांटेशन के एरिया में लगे करीब डेढ़ सौ सागौन के पेड़ों को छह माह में काटकर चोरी कर लिया गया। जगह-जगह इन वृक्षों की ठूंठ इस बात पुष्टि कर रहे हैं कि किस तरीके से बेसकीमती सागौन के पेड़ों को काट डाला गया।
अधिकारी भी मान रहे
प्लांटेशन वाले एरिया में सागौन के पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग के डिप्टी रेंजर और बीटगार्ड अमले की थी, लेकिन अमले की तैनाती होने के बावजूद पेड़ों को कैसे काट कर चोरी कर लिया गया। यह बात समझ से परे है। बिना मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ों को काटा जाना संभव नहीं है। विभागीय अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ों को काट डाला गया है।
जमुनिया बीट में लगे सागौन के पेड़ों को काटने और चोरी के मामले की जांच कराई जा रही है। पेड़ों को चोरी छिपे काटने के मामले में यदि विभाग का कोई कर्मचारी शामिल है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रविंद्रमणि त्रिपाठी, डीएफओ, जबलपुर