TB Clinic: सेहत बिगड़ने की आशंका
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी के मरीजों को सरकार की ओर से नि:शुल्क दवा की तय खुराक दी जाती है। इसमें निजी अस्पतालों के भी मरीजों को टीबी क्लीनिक भेजा जा रहा है। सामान्य मरीजों को क्लीनिक से छह माह और गंभीर मरीजों को 18 माह की दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं समय-समय पर क्लीनिक या फिर वॉलेंटियर के माध्यम से घर-घर भेजी जाती है।TB Clinic: दवा छूटने से बढ़ता डोज
जानकार कहते हैं कि टीबी के मरीजों को नियमित रूप से दवा की खुराक लेनी है। इसमें यदि एक दिन भी दवा नहीं ली जाती है तो उस दवा के डोज का समय बढ़ जाता है। दरअसल, दवा का डोज तय है इसमें छह माह या 18 माह निश्चित है, जो नियमित रूप से लेनी पड़ती है।TB Clinic: दो लाख टीबी स्कैन में 450 मरीज निकले
जिले के दो लाख मरीजों के टीबी स्कैन किए गए हैं। इनमें 450 मरीज सामने आए हैं, जिन्हें दवाएं शुरू कर दी हैं। इसके साथ प्रोटेक्शन खुराक भी दी जा रही है। यह स्कैन हैंडी एक्स-रे मशीन और पैथोलॉजी मशीन से की गई है। जिम्मेदारों की दलील है कि एक ही हैंडी मशीन से जल्दी काम नहीं हो रहा है। दूसरा यह भी कि ग्रामीण कस्बों में इंटरनेट की समस्या भी आ रही है।TB Clinic: छह माह से मरीज परेशान
विक्टोरिया के टीबी क्लीनिक में मरीज और उनके परिजनों का कहना था कि उन्हें छह माह से दवाएं मिलने में समस्या आ रही है। पहले तो प्रथम डोज ही मिलना मुश्किल हो रहा था। मौजूदा हालात में इस डोज में उन्हें क्लीनिक में जैसे-तैसे दस, पन्द्रह दिन की दवा मिल पा रही है। इसमें कई बार नियमित रूप से लेने वाली इन दवाओं को डोज छूट जाता है।TB Clinic: मरीजों के परिजनों को प्रोटेक्शन खुराक
टीबी का पता चलने के साथ ही प्रथम खुराक दो माह और द्वितीय खुराक दो-दो माह करके छह माह से लेकर 18 माह तक दी जाती है। इसके साथ ही टीबी मरीजों की जांच के बाद उनके परिजनों को प्रोटेक्शन (बचाव) डोज भी दी जा रही है। TB Clinic: मरीजों को देने वाली दवाएं केन्द्रीय औषधालय से आती हैं। ये दवाएं समय से थोड़ा विलम्ब हैं, जिससे यह समस्या बनी हुई है। हम सतत इंडेन भेज रहे हैं।
- सीमांत डिमोले, डिस्ट्रिक पीएमडीटी, कॉर्डीनेटर, एनटीईपी